बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा श्रीदेवी की मौत दुबई के होटल में हार्ट अटैक से ही हुई थी. फॉरेंसिक जांच कर रहे दुबई के डॉक्टरों को श्रीदेवी की मौत की वजह में कुछ भी संदिग्ध नजर नहीं आया है. टाइम्स ऑफ इंडिया को दुबई के आधिकारिक सूत्र ने इस बात की खबर दी है. श्रीदेवी की मौत की वजहों को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी. बता दें कि श्रीदेवी अपने भतीजे मोहित मारवाह की शादी में शामिल होने दुबई गई थी.
स्वतंत्र पत्रकार वासदेव राव के मुताबिक, अगर किसी शख्स कर मौत हॉस्पिटल में होती है तो मौत की वजह साफ होती है और शव को जल्दी ही परिजनों को सौंप दिया जाता है. लेकिन अगर मौत हॉस्पिटल के बाहर हुई हो और मौत प्राकृतिक भी रही हो, तो भी पुलिस मामले की जांच करती है और केस दर्ज किया जाता है.
राव के मुताबिक अगर शव को अंत्येष्टि के लिए दूसरे देश भेजा जाना हो तो, प्रक्रिया और भी जटिल होती है. इसके लिए होनेवाली सामान्य प्रक्रियाओं के अलावा और ज्यादा प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. ऐसा माना जा रहा है इसलिए श्रीदेवी के शव को भारत लाने में देरी हो रही है.
प्रक्रिया क्या है ?
शव को पहले वहां के मुर्दाघर में रखा जाता है. इसके बाद फॉरेंसिक जांच होती है. वे लोग शव को पुलिस को सौंप देते हैं. इसके बाद ऑटोस्पाई रिपोर्ट आने के बाद डेथ सर्टिफिकेट बनाकर परिवार को दिया जाता है लेकिन इसके लिए पुलिस की इजाजत मिलनी चाहिए. पुलिस उस शख्स के वीजा की भी जांच करती है जिसकी मौत हुई है. फिर दुबई में मौजूद भारतीय वाणिज्य दूतावास उस शख्स के पासपोर्ट को कैंसल कर देता है. इसके बाद शव को भारत लेकर आने के लिए एक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी किया जाता है.
पुलिस की ओर से भी कई लेटर्स दिये जाते हैं, जिन्हें हॉस्पिटल मुर्दाधर, एयरपोर्ट और श्मशान घाट पर दिखाना होता है. शुरुआत में डेथ सर्टिफिकेट अरबी भाषा में जारी किया जायेगा. फिर भारतीय वाणिज्य दूतावास उसका अंग्रेजी में अनुवाद करके नयी कॉपी जारी करेगा.