मुंबई: फिल्म ‘न्यूटन’ के डायरेक्टर अमित मसूरकर ने ऐसी खबरों को सिरे से खारिज किया है जिसमें कहा गया था कि यह फिल्म ईरानी फिल्म ‘सीक्रेट बैलेट’ की कॉपी है. मसूरकर ने यह साफ किया है कि यह फिल्म किसी भी फिल्म की कॉपी नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर आप दोनों फिल्में देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि दोनों ही फिल्में एकदूसरे से बिल्कुल अलग है. बता दें कि भारतीय फिल्म संघ (एफएफआई) ने शुक्रवार को ही घोषणा की कि राजनीतिक व्यंग्य आधारित फिल्म न्यूटन ऑस्कर 2018 के लिये भारत की ओर से आधिकारिक रूप से भेजी जायेगी. फिल्म में राजकुमार राव मुख्य भूमिका में हैं.
इस फिल्म की कहानी छत्तीसगढ़ के एक जंगली इलाके की है, जहां सालों से वोटिंग नहीं हुई है. यहां नक्सलियों के डर से लोग वोट डालने नहीं जाते हैं और चुनाव अफसर भी जाने से कतराते हैं. इस इलाके में चुनाव कराने और इस दौरान सामने आनेवाली परेशानियों को फिल्म में दिखाया गया है. यह फिल्म 67 वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी वाह-वाही लूट चुकी है. फिल्म में राजकुमार राव के अलावा पंकज त्रिपाठी, रघुवीर यादव और अंजलि पाटील ने भी निभाई है.
मसूरकर ने इंडियनएक्सप्रेस से बात करते हुए कहा,’ कुछ भी लिखने और तय करने से पहले अच्छा है लोग कि दोनों फिल्में देख लें. हमने इस फिल्म (न्यूटन) की स्क्रिप्ट लिखते वक्त ‘सीक्रट बैलेट’ के बारे में सुना भी नहीं था. अगर यह उस फिल्म की कॉपी होती तो क्या हम इसे बर्लिन और ट्रिबेका में प्रदर्शित करते? दूसरी फिल्म ने भी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीता है. ‘न्यूटन’ किसी फिल्म की कॉपी नहीं है और न ही किसी से प्रेरित है.’
दरअसल, रिपोर्ट्स में ऐसा कहा जा रहा था कि ‘न्यूटन’ और ‘सीक्रट बैलेट’ की कहानी लगभग एकजैसी है. दोनों फिल्मों का विचार और अवधारणा एक समान है. दोनों की कहानी दूरदराज के क्षेत्रों पर मतदान कराने की कहानी है.