11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

FILM REVIEW: आज़ादी और ख्वाहिशों की कहानी है ”कैदी बैंड”

II उर्मिला कोरी II फिल्म: कैदी बैंड निर्माता: यशराज फिल्म्स निर्देशक: हबीब फैसल कलाकार: आदर जैन, अन्या जैन , सचिन पिलगांवकर और अन्य रेटिंग: ढाई बॉलीवुड में ‘दो दुनी चार’, ‘इशकजादे’ और ‘दावत-ए-इश्क’ जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके निर्देशक हबीब फैसल इस बार कैदी बैंड लेकर आये हैं. ‘कैदी बैंड’ अंडरट्रायल लोगों के दर्द […]

II उर्मिला कोरी II

फिल्म: कैदी बैंड
निर्माता: यशराज फिल्म्स
निर्देशक: हबीब फैसल
कलाकार: आदर जैन, अन्या जैन , सचिन पिलगांवकर और अन्य
रेटिंग: ढाई

बॉलीवुड में ‘दो दुनी चार’, ‘इशकजादे’ और ‘दावत-ए-इश्क’ जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके निर्देशक हबीब फैसल इस बार कैदी बैंड लेकर आये हैं. ‘कैदी बैंड’ अंडरट्रायल लोगों के दर्द को बयां करती है. फिल्म की कहानी असल घटनाओं से प्रेरित है. फिल्म अपने शुरुआत में माखन लाल की कहानी कहता है, जिसका जुर्म अगर साबित हुआ भी होता, तो 10 साल की सजा उसे ज़्यादा से ज़्यादा होती थी, लेकिन वह 54 साल तक जेल में रहा और 54 साल बाद वह निर्दोष साबित हुआ. इस रियल घटना का जिक्र करने के बाद फिल्म मूल कहानी पर आती है.

कुछ अंडरट्रायल कैदियों को स्वतंत्रता दिवस पर परफॉर्म करने के लिए एक बैंड बनाया जाता है. ये कैदी स्वतंत्रता दिवस अपनी खूबियों का इस्तेमाल कर एक खास गाना तैयार करते हैं और वो गाना सुपरहिट हो जाता है. ये कैदी स्टार बन जाते हैं. पुलिस और प्रशासन इनका इस्तेमाल खुद के लिए करना चाहते हैं. उनकी आज़ादी से किसी को सरोकार नहीं है, यहां से शुरू होती है, इन कैदियों द्वारा खुद को आज़ाद कराने की उनकी कहानी. क्या वे अपने मकसद में कामयाब होंगे.

हाल के दिनों में आयी यह एक अनूठी स्क्रिप्ट है. जो अंडर ट्रायल के मुद्दे को सामने लेकर आती है. जो हमारे देश की सबसे बड़ी समस्याओं में से है. पैसों के अभाव में अच्छा वकील नहीं मिल पाता है और कई लोगों की ज़िन्दगी सलाखों में ही बीत जाती है. आज़ादी और ख्वाहिशें उनके लिए सपना ही रह जाती हैं. फिल्म का फर्स्ट हाफ अच्छा बन पड़ा है, दूसरे भाग में फिल्म कमज़ोर हो गयी है. फिल्म में कुछ इमोशनल पलों के ज़रिये अंडर ट्रायल्स की हकीकत को सामने लाया गया है, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि फिल्म का विषय जितना सशक्त है कहानी उसके मुकाबले सतही रह गयी है. फिल्म सेकंड हाफ में कई बार ज़रूरत से ज़्यादा ड्रामेटिक भी हो गयी है.

अभिनय की बात करें तो इस फिल्म से आदर जैन और अन्या सिंह ने अपनी बॉलीवुड में शुरुआत की है. आदर जैन कपूर खानदान से तालुक रखते हैं. उनके परफॉरमेंस में उनके मामा और चचेरे भाई रनबीर कपूर की झलक साफ़ देखने को मिलती है. उन्हें अपनी स्टाइल बनाने की ज़रूरत है. इमोशनल सीन्स में उन्हें और काम करने की ज़रूरत है. अभिनेत्री अन्या सिंह बाज़ी मार ले जाती हैं. उन्होंने पावर पैक्ड परफॉरमेंस दिया है. उनके अभिनय में कैदी का दर्द हो या सिंगर का जोश बखूबी सामने आया है वह इस इंडस्ट्री में टिकने के लिए आयी हैं यह बात उन्होंने अपनी इस पहली फिल्म में ही साबित कर दिया है.

एक अरसे बाद हिंदी फिल्मों में नज़र आये सचिन अपनी भूमिका में जमे हैं. बाकी के किरदारों ने भी अपनी भूमिका के साथ बखूबी न्याय किया है. फिल्म के गीत संगीत की बात करें तो यह एक म्यूजिकल फिल्म है लेकिन एक दो गानों को छोड़ बाकी के गाने चूकते हैं. कुल मिलाकर फिल्म का विषय और अभिनेत्री आन्या सिंह का परफॉरमेंस इस फिल्म की खासियत है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel