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Dharmendra Death:इक्कीस नहीं ये आखिरी फिल्म होगी धर्मेंद्र की..वेटरन एक्टर बिस्वजीत चटर्जी का खुलासा 

वेटेरन एक्टर बिस्वजीत चटर्जी ने इस इंटरव्यू में धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म के साथ साथ धर्मेंद्र के साथ अपनी छह दशक पुरानी बॉन्डिंग पर भी बात की है.

dharmendra death :लीजेंडरी एक्टर धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे.वेटेरन एक्टर बिस्वजीत चटर्जी ने धर्मेंद्र और अपनी दोस्ती को 65 साल पुराना करार दिया था. वह धर्मेंद्र को कोएक्टर नहीं बल्कि भाई बताते हुए कहते हैं कि जब तक जिन्दा रहूंगा. उसको याद करूंगा. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत  

धर्मेंद्र,मनोज और मेरी थी तिगड़ी

 मैं ,धर्मेंद्र और मनोज कुमार लगभग एक ही समय में मुंबई आये थे. अँधेरी के मोहन स्टूडियो में लीजेंडरी एक्टर्स और डायरेक्टर के साथ -साथ हम स्ट्रगल एक्टर्स भी बहुत आते जाते थे. शूटिंग हो तो भी नहीं हो तो भी.अगला काम पाने के लिए हम वहां जाते रहते थे.  हम तीनों की अच्छी दोस्ती हो गयी थी. उसके बाद हम मोहन स्टूडियो के अलावा बांद्रा के लिंकिंग स्टूडियो में एक छोटी सी चाय की दुकान थी तो वहां मिलने लगे थे.हम तीनों अपने अपने आने की वजह बताते थे. धर्मेंद्र बताता कि मैं पंजाब के गांव से आया हूं. दिलीप कुमार को देखकर एक्टर बनने मैंने तय किया.

एक दूसरे की तारीफ़ करते थे 

धर्मेंद्र जैसा मेनली हैंडसम हीरो मैंने अपनी लाइफ में नहीं देखा है. मैं उसे बोलता भी था कि तू इंडस्ट्री का सबसे हैंडसम हीरो है,लेकिन वो अपनी प्यारी स्माइल के साथ इस बात को नकारते हुए कहता कि नहीं विशु तू है. हम एक दूसरे की तारीफ़ करते थे. हमने साथ में फिल्म इश्क़ पर ज़ोर नहीं ,कहते हैं मुझे राजा और जबान जैसी फिल्में की थी. जबान तो बांग्ला में थी,लेकिन मेरे कहने पर वह गेस्ट अपीयरेंस के लिए तैयार हो गया.

मनोज कुमार ने शुरुआत में धर्मेंद्र को बहुत सपोर्ट किया

 धर्मेंद्र ने बहुत संघर्ष झेला है. मैं बांग्ला फिल्में भी करता था तो मेरा गुजारा हो जाता था. मनोज कुमार राइटिंग करके थोड़े पैसे बना लेता था,लेकिन धर्मेंद्र के साथ ऐसा नहीं था. उसे सिर्फ एक्टिंग ही करना आता था और उसे मौके नहीं मिल रहे थे तो वह निराश होकर गांव जा रहा था तो मनोज कुमार ने उसे कहा था कि धरम मत जाओ. तुम्हारा अच्छा होगा.थोड़ा और संघर्ष कर लो.  तुम्हारा खाना पीना और जो भी दूसरा खर्च हो. तुम मुझसे ले लेना लेकिन तुम मत जाओ. मनोज कुमार ने उसे बहुत सपोर्ट किया और उसने जल्द ही साबित कर दिया.

दिल का सच्चा आदमी था

 धर्मेंद्र को लगातार काम मिलने लगा लेकिन जो टर्निंग पॉइंट था. वह फूल और पत्थर था. उसने उसे रियल स्टार बना दिया. ही मैन उसी फिल्म से उसे टैग मिला. बड़ा स्टार बनने के बावजूद उसमें कभी बदलाव नहीं आया. वह एकदम प्योर सोल था. जैसा एक गांव का आदमी होता है. एकदम सच्चा .दिल से बोलने वाला और दिल की सुनने वाला. उसमें चालाकी नहीं थी. जो बोलता था सीधा बोलता था. कोई आदमी पसंद नहीं था तो सीधा बोल देता था कि मैं तुझे पसंद नहीं करता हूं. मेरे आसपास मत दिखा कर.

छोटे प्रोड्यूसर्स की मदद के लिए फ्री में काम करता था

 जब वह सुपरस्टार बन गया था तो वह छोटे मोटे निर्माताओं की बहुत मदद करता था. धर्मेंद्र के फिल्म में होने से फिल्में बिक जाया करती थी तो वह उनकी मदद के लिए गेस्ट अपीयरेंस कर देता था. दो तीन दिन का काम उसने कई फिल्मों में किया है वो ही बिना पैसों के.छोटे निर्माता अक्सर उसको दिल से बहुत दुआएं देते थे. कई बार मेरे सामने कई प्रोड्यूसर ने उनकी तारीफ की है. बड़े निर्माताओं की फिल्मों के सेट पर उसका एक अलग ही रूप देखने को मिलता था. कई बार शूटिंग सेट पर वह जाकर कैमरे के पीछे काम करने वाले लोगों को पूछता था कि तुमलोग की पेमेंट हुई है या नहीं. मालूम पड़ता कि डेली पेमेंट पाने वालों को चार -पांच दिन का पेमेंट नहीं मिला तो वह निर्माता को साफ़ बोल देता कि इनकी पेमेंट करो तो ही मैं शूटिंग करूँगा.वह उस वक़्त बहुत बड़ा स्टार था. निर्माताओं को उसकी सुननी ही थी.

 पार्टी भी जमकर करते थे 

धर्मेंद्र और मैं पार्टी भी जमकर करते थे. शुरुआत में मैं भी ड्रिंक बहुत करता था.धर्मेंद्र मेरी खिंचाई करते हुए कहता था कि तू बंगाली जाट है. पीने में तू मुझसे भी ज्यादा तेज़ है. एक दिन हमने जमकर पार्टी की थी.इतना पी लिया था कि दो दिन तक उसे मेरे घर पर ही रहना पड़ा था. हमारी हिम्मत ही नहीं थी. उस वक़्त सनी छोटा था. वह कॉल बार बार करता था. पापा कब आएंगे.किसी तरह उसे समझते पापा बिजी हैं. दो दिन बाद घर पर आएंगे.उस वक़्त वह राजश्री की फिल्म जीवन मृत्यु की भी शूटिंग कर रहा था. दो दिन कैसे बहाने बनाकर मैनेज हुआ ,हम ही जानते थे  

हेमा बहुत स्ट्रांग लेडी हैं

कल धर्मेंद्र की अन्त्येष्टि के बाद मैं हेमा से मिलने उनके घर पर गया था. उनकी बेटी ईशा, अभिनेत्री मधु और उनका छोटा दामाद वहां मौजूद था. हेमा इमोशनल थी, लेकिन वह बहुत स्ट्रांग लेडी है.  उनको कहा कि इस बार धर्मेंद्र का  90 वां बर्थ डे हम सब मिलकर मनाने वाले थे. हमने पुराने दिनों की बातें भी याद की। 

ये होगी धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म

फिल्म मेरे लिए धर्मेंद्र हमेशा भाई की तरह थे. उन्होंने हमेशा मुझे सपोर्ट किया.  मेरे निर्देशन की अगली फिल्म युग द फायर उनकी आखिरी फिल्म होंगी. इसकी उन्होंने शूटिंग पूरी भी कर ली है. फिल्म में वह फ्रीडम फाइटर लाला लाजपत राय की भूमिका में होंगे. लोग इक्कीस को उनकी आखिरी फिल्म बता रहे हैं.वह खुद को सही कर लें.


Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 14 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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