‘एमएस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी’, ‘देशवा’, ‘मिथिला मखान’ फिल्मों से वाहवाही बटोर चुके अभिनेता क्रांति प्रकाश झा हालिया रिलीज फिल्म ‘बाटला हाउस’ में निगेटिव रोल से चर्चा में हैं. उनका मानना है कि परिवार के साथ से ज्यादा खुशी कुछ आपको दुनिया की कोई चीज नहीं दे सकती है.
वे कहते हैं कि मां के साथ समय बिताना, नतिनी के खेलना मुझे बहुत सुकून देता है. मैं मुंबई में अपने काम के सिलसिले में रहता हूं और वे लोग पटना में हैं. फोन और वीडियो चैट के जरिये उनसे जुड़ा रहता हूं. वैसे मेरी कोशिश होती है कि हर तीन महीने के बाद मां से मिलने पटना जरूर जाऊं. जब मुंबई में रहते हुए मेरी बैटरी डाउन हो जाती है, तो खुद को रिचार्ज करने के लिए पटना अपने घर चला जाता हूं.
अभिनेता क्रांति ने कहा कि दीवाली, छठ और होली आदि प्रमुख त्योहार मां के साथ ही मनाना चाहता हूं. घर आना बहुत जरूरी है, क्योंकि वृक्ष की जड़ें जितनी अंदर तक जायेंगी, वृक्ष उतना ही ताकतवर होगा, तो जड़ें बहुत मजबूत होनी चाहिए. जड़ें नहीं रहेंगी तो हम खत्म हो जायेंगे. मैं घनघोर बिहारी हूं. बिहार और अपने लोगों से मुझे उर्जा मिलती है. इसके अलावा जो चीजें मुझे खुशी देती हैं, वह हैं योग, किताबें और फिल्में. इन चीजों से हमेशा जुड़ा रहता हूं. कभी-कभी चुप रहना भी एक अलग ही सुकून देता है. उस वक्त आप खुद को और करीब पाते हैं. प्रोफेशनल लाइफ में मुकाम पाने के लिए चुपचाप खुद पर काम करता हूं और नयी चीजें सीखता हूं.