इम्तियाज अली और एकता कपूर की आज रिलीज हुई फिल्म लैला मजनू में अभिनेत्री तृप्ति डिमरी लैला के किरदार में नजर आ रही हैं. मॉडलिंग बैकग्राऊंड से आयी तृप्ति का कहना है कि फिल्म से इम्तियाज सर और एकता कपूर का नाम जुड़ने की वजह से पहले तीन दिन दर्शक उनकी नाम की वजह से ही आयेंगे. उसके बाद उनका और अभिनेता अविनाश का काम ही फिल्म को टिकट खिड़की पर बने रहने में मदद करेगा. उर्मिला कोरी से बातचीत के प्रमुख अंश :-
किस तरह से इस फिल्म से जुड़ना हुआ?
काफी फिल्मी कहानी लैला मजनू से जुड़ने की मेरी रही है. 2016 में ही मैंने इस फिल्म का ऑडिशन दिया था लेकिन ऑडिशन में मैं कैमरे के सामने नर्वस हो गयी थी. जिस वजह से मुझे रिजेक्ट कर दिया गया. आयी गयी बात हो गयी. मेरी एक रुममेट 2017 में इस फिल्म के लिए ऑडिशन देने वाली थी. उसने साथ चलने को कहा. वो अपना ऑडिशन दे रही थी. उसके बाद कास्टिंग वाले आये और मुझे ऑडिशन देने का कहने लगे. मैंने उन्हें बताया कि वो मुझे रिजेक्ट कर चुके हैं लेकिन फिर भी उन्होंने कहा कि आप फिर से दे दो. मैंने ऑडिशन दिया. इस एक साल के गैप में मैंने मॉडलिंग के साथ साथ यूट्यूब में कई सारे वीडियो भी किये थे. जिससे कैमरे के सामने मैं सहज हो गयी थी. जिस वजह से इस बार अच्छा ऑडिशन हुआ. मुझे फिर बुलाया गया और निर्देशक साजिद खान के साथ मेरा सात आठ घंटे तक ऑडिशन चला. उसके बाद और भी कई ऑडिशंस और लुक टेस्ट हुए. मुझे मेरे जन्मदिन के दिन यह खबर मिली कि मुझे इस फिल्म के लिए चुन लिया गया.
लैला का किरदार काफी बिंदास लड़की का दिखाया गया है, यह कितना आसान था?
इस फिल्म में मेरा किरदार एक होकर भी दो है. लैला फर्स्ट हाफ में अलग है सेकेंड हाफ से. फर्स्ट हाफ में लैला बहुत बिंदास है. लड़कों से फ्लर्ट भी करती है. सेकेंड हाफ में लैला का किरदार काफी सीरियस टाइप का है. मुझे लगा था कि सेकेंड हाफ मेरे लिए मुश्किल होगा, लेकिन मेरे लिए पहला भाग बहुत मुश्किल रहा क्योंकि लैला जितनी बिंदास और बातूनी है, मैं उतनी ही शांत रहती हूं. लैला का एनर्जी लेवल 1नंबरपर है तो मेरा 5 पर भी नहीं. तो मुझे उस पर काम करना पड़ा. इसके अलावा, मैंने कश्मीरी भाषा सीखी. लैला पूरी तरह से कश्मीरी लड़की है. ट्यूटर से सीखा. शूटिंग शुरू होने के 15 दिन पहले हम कश्मीर पहुंच गए थे. वहां पर कश्मीरी लड़कियों के साथ रही ताकि उनकी भाषा को और समझ सकूं. कश्मीर इस फिल्म का अहम हिस्सा है. हमने कश्मीर को हर मौसम में देखा फिर चाहे बर्फ की चादर ओढ़े हो या पूरी तरह से पत्ते झड़े हो. पूरा रेड रेड सब तरफ या फिर सभी तरफ हरियाली. जितना खूबसूरत कश्मीर है उतने ही लोग और वहां का खाना भी. मैंने तो जमकर वहां खाना खाया. मेरा वजन भी बढ़ गया था, तो इम्तियाज सर ने टोका कि लैला मोटी हो गयी है. खाना-पीना कम करो.
कोएक्टर अविनाश के साथ शूटिंग का अनुभव कैसा रहा?
मैं बहुत कम बोलती हूं. अविनाश भी शुरुआत में ज्यादा बोलता नहीं था. दोनों को लग रहा था कि मैं पहले क्यों बात करूं. थोड़ा एटीट्यूड प्रॉब्लम हो गया था, लेकिन फिर वर्कशॉप के दौरान हमारी अच्छी दोस्ती हो गयी. एशेले लोबो सर ने हमारी केमिस्ट्री पर काम किया. पूरा दिन साथ में होते थे. इतना समय बिताते हैं तो दोस्त बन ही जाते हैं. अविनाश बहुत अच्छे कोएक्टर हैं. मैं कैसे सीन खा जाऊं, आमतौर पर कोएक्टर यही सोचते हैं लेकिन अविनाश हमेशा मुझे सपोर्ट करते थे. वो बोलते थे, हम साथ में करेंगे और फाड़ देंगे.
रणबीर कपूर को लेकर आपका नाम जोड़ा जा रहा है. उस पर आपका क्या कहना है?
मैंने सिर्फ इतना बोला था कि रणबीर कपूर मुझे पसंद आये थे. उसके बाद तो मीडिया ने खुद ही स्टोरी बनाकर डालना शुरू कर दिया कि मैं रणबीर कपूर और आलिया के बीच में आ गयी. मुझे पता है ये सब इंडस्ट्री का हिस्सा हैं लेकिन मेरे घरवाले इसके आदी नहीं हैं. उसी दिन मेरे मम्मी-पापा का फोन आ गया कि ऐसी बातें मत करो. उनको पता नहीं क्या क्या होता है. कैसे होता है. (हंसते हुए) रणबीर की वजह सेमुझे डांट पड़ गयी.
आपके माता पिता फिल्मों में आपके करियर बनाने को लेकर कितने खुश हैं?
पापा एयरइंडिया में हैं. मां हाउसवाइफ हैं. इंडस्ट्री से उनका दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है इसलिए शुरुआत में वह मेरे फैसले के खिलाफ थे लेकिन जब उन्होंने मेरे यूट्यूब वीडियो देखे और पोस्टर ब्वॉय फिल्म तो उनको समझ आया कि मैं एक्टिंग कर सकती हूं. मां पापा की गलती नहीं है. कास्टिंग काउच इन सबके बारे में बहुत कुछ बातें होती रहती हैं, मैं लकी हूं कि मुझे ऐसे लोग मिले. निर्देशक साजिद सर ने मुझे पहले दिन शूट में कहा था कि तुम मेरी बेटी जैसी हो.
जब आप इंडस्ट्री से नहीं होते हैं तो आपको बहुत लोग बहुत सारी अलग अलग राय देते हैं. आपको किस तरह की राय मिलती थी?
मुझे ज्यादा अजीबोगरीब राय तो नहीं मिली थी लेकिन हां शुरुआत में कुछ लोगों ने कहा था कि तुम ब्रेस्ट जॉब करवा लो. मैंने कहा कि मुझे जरूरत नहीं है. मैं जैसी हूं वैसी अच्छी हूं. जो लोग भी आउटसाइडर्स हैं. मैं उनसे यही कहूंगी कि अगर मैं यहां तक पहुंच सकती हूं तो आप भी पहुंच सकते हैं बस अपने आपको को हमेशा इंप्रूव करो.