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Year Ender 2025: Skill बेस्ड कोर्स से लेकर Higher Education तक, इस साल शिक्षा व्यवस्था में हुए ये बदलाव

Year Ender 2025: इस साल भारत की शिक्षा प्रणाली क्वालिटी ,स्किल और टेकनोलॉजी पर आधारित होती जा रही है. यह बदलाव स्टूडेंट्स को सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि अपने करियर को बेहतर बनाने के मौके भी दे रही है. आने वाले समय में ये सुधार भारत को एक मजबूत अर्थव्ययस्था बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी.

Year Ender 2025: साल 2025 में भारत की शिक्षा प्रणाली तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रही है. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) के प्रभाव, टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग और स्किल बेस्ड पढ़ाई पर जोर देने के कारण स्कूलों से लेकर उच्च शिक्षा तक कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे हैं. इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को रोजगार के योग्य बनाना और भविष्य के लिए तैयार करना है. भारत की शिक्षा प्रणाली 2025 में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) द्वारा निर्देशित है. आइए जानते हैं कि भारत की शिक्षा प्रणाली में इस साल (Year Ender 2025) क्या-क्या बदलाव देखने को मिले हैं.

स्कूली शिक्षा में बड़े बदलाव

भारत में स्कूली शिक्षा व्यवस्था में हाल के वर्षों खासकर 2025 (Year Ender 2025) में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) के लागू होने से पढ़ाई के तरीके, सिलेबस और मूल्यांकन प्रणाली पहले से और बेहतर हो गए हैं. अब रटने की बजाय समझ, स्किल्स और प्रैक्टिकल नॉलेज पर जोर दिया जा रहा है. पुरानी 10+2 प्रणाली की जगह 5+3+3+4 की नई शिक्षा संरचना (New Educational Structure) को अपनाया गया है. इसमें प्राइमेरी एजुकेशन खेल और अन्य गतिविधियों के द्वारा सिखाया जाएगा और मिडिल व सेकेंडरी स्तर पर कॉन्सेप्टस बेस्ड पढ़ाई कराई जाएगी.

Year Ender 2025: उच्च शिक्षा प्रणाली में सुधार

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) के तहत स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई को अधिक लचीला, स्किल और रिसर्च बेस्ड बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है. इन सुधारों का उद्देश्य स्टूडेंट्स के लिए रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करना है. अब कॉलेजों में रिसर्च और इनोवेशन पर अधिक फोकस किया जा रहा है. यही वजह है कि कॉलेजों में इनोवेशन प्रोग्राम का आयोजन तेजी से हो रहा है. एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (ABC) के माध्यम से 3-4 वर्षीय ग्रेजुएशन डिग्री कार्यक्रम उपलब्ध हैं, जिनमें कोर्स छोड़ने के विकल्प भी मौजूद हैं जिसमें 1 साल के बाद सर्टिफिकेट, 2 साल के बाद डिप्लोमा, 3 व 4 साल के बाद डिग्री मिलने का नियम है.

डिजिटल और AI आधारित शिक्षा

डिजिटल युग में भारत की शिक्षा प्रणाली तेजी से डिजिटल और स्मार्ट शिक्षा की ओर बढ़ रही है. साल 2025 (Year Ender 2025) में टेक्नोलॉजी बेस्ड पढ़ाई केवल ऑप्शन नहीं, बल्कि शिक्षा का अहम हिस्सा बन चुकी है. स्मार्ट क्लासरूम, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने पढ़ने और सीखने के तरीकों को पूरी तरह बदल दिया है. इसमें IITs द्वारा AI & ML के कई कोर्स भी लॉन्च किए गए हैं.

स्किल डेवलपमेंट और रोजगार पर फोकस

भारत की शिक्षा व्यवस्था अब डिग्री देने तक सीमित नहीं रही है. इस साल गवर्नमेंट और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन स्किल डेवलपमेंट और रोजगार के अवसर पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. अब इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा दिया जा रहा है. कॉलेजों में पढ़ाई के साथ-साथ इंटर्नशिप करना अनिवार्य हो गया है. कॉलेज में आईटी, डिजिटल मार्केटिंग, डेटा एनलिटिक्स और AI जैसे मॉडर्न स्किल्स बेस्ड शिक्षा दी जा रही है, ताकि स्टूडेंट्स पढ़ाई पूरी करते ही रोजगार पाने के साथ-साथ स्टार्ट-अप पर ध्यान दें.

टीचर ट्रेनिंग में बदलाव

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) के लागू होने के बाद भारत में टीचर ट्रेनिंग सिस्टम में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. अब शिक्षक केवल सब्जेक्ट एक्सपर्ट ही नहीं, बल्कि फैसिलिटेटर, मेंटर और टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली टीचर के रूप में तैयार किए जा रहे हैं. इसका उद्देश्य एजुकेशन क्वॉलिटी को बेहतर बनाना है.

यह भी पढ़े : 10वीं के बाद आईटीआई, पॉलिटेक्निक या डिप्लोमा-सही कोर्स कैसे चुने

Smita Dey
Smita Dey
स्मिता दे प्रभात खबर में डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर पर काम कर रही हैं. बुक्स पढ़ना, डांसिंग और ट्रैवलिंग का शौक रखने वाली स्मिता युवाओं को बेहतर करियर गाइड करना और नौकरी के लिए प्रोत्साहित करना पसंद करती हैं.

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