Success Story of Rupal Rana in Hindi: UPSC परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है. हर साल लाखों उम्मीदवार IAS बनने का सपना देखते हैं, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं होता. आज हम आपको एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी बता रहे हैं रुपल राणा (Rupal Rana) की, जिन्होंने कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को सच किया और IAS अधिकारी बनीं. यहां आप Rupal Rana UPSC Success Story पढ़ें जो आपको आगे बढ़ने का हौंसला देगी.
शुरुआती शिक्षा और पारिवारिक संघर्ष (Rupal Rana UPSC Success Story)
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की रहने वाली रुपल राणा ने अपनी पढ़ाई की शुरुआत जेपी पब्लिक स्कूल, बागपत से की. यहां उन्होंने 10वीं कक्षा में शानदार प्रदर्शन किया. इसके बाद उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पिलानी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पूरी की. उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की, जहां वे यूनिवर्सिटी टॉपर भी बनीं.
इसे भी पढ़ें- BSc के बाद UPSC, डिप्टी CM से बात कर चर्चा में आई ये लेडी IPS कौन हैं? | UPSC Success Story in Hindi
मां का साया खोया (Success Story of Rupal Rana in Hindi)
रुपल राणा ने कम उम्र में ही अपनी मां को खो दिया था. यह उनके जीवन का सबसे बड़ा दुख था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उनके पिता जसवीर राणा, जो दिल्ली पुलिस में असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) थे, और भाई-बहनों ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. परिवार के सहयोग और अपने दृढ़ निश्चय के दम पर रुपल ने पढ़ाई जारी रखी.
ऐसे मिली सफलता (Success Story of Rupal Rana in Hindi)
UPSC की तैयारी में असफल होना आम बात है. रुपल राणा को भी पहले दो प्रयासों में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय और मेहनत की. तीसरे प्रयास में उन्होंने 26वीं रैंक हासिल कर IAS बनने का सपना पूरा किया. उनकी यह सफलता बताती है कि सही रणनीति, मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य पाया जा सकता है.
इसे भी पढ़ें- Success Story: 10वीं फेल पर UPSC में 3 बार नाम, IPS ईश्वर की ये कहानी है आपको नहीं मानने देगी हार
आज सभी के लिए प्रेरणा (Success Story of Rupal Rana in Hindi)
रुपल राणा की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो कठिनाइयों के बावजूद UPSC या किसी बड़ी परीक्षा में सफलता पाना चाहते हैं. उनकी यात्रा साबित करती है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, दृढ़ निश्चय और लगन से सफलता जरूर मिलती है.

