Lotus Petal Foundation: आज की दुनिया में शिक्षा और अवसर हर बच्चे का अधिकार होना चाहिए, लेकिन समाज के कई हिस्सों में अभी भी बच्चे मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. इन्हीं असमानताओं को दूर करने और बच्चों को बेहतर भविष्य देने के उद्देश्य से कुशल राज चक्रवर्ती (Kushal Raj Chakravorty) ने लोटस पेटल फाउंडेशन (Lotus Petal Foundation) की स्थापना की. यह संगठन आज हजारों बच्चों के जीवन को शिक्षा, पोषण और आजीविका के अवसरों के जरिए बदल रहा है. आइए जानते हैं, कुशल राज चक्रवर्ती के विचारों और उनकी इस प्रेरणादायक यात्रा के बारे में.
लोटस पेटल फाउंडेशन में आपकी भूमिका क्या है?
लोटस पेटल फाउंडेशन के संस्थापक कुशल राज चक्रवर्ती से जब इस पहल के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मेरी भूमिका लोटस पेटल फाउंडेशन के संस्थापक और प्रबंध न्यासी (Founder and Managing Trustee) की है. यह एक उद्देश्य-केंद्रित, गैर-लाभकारी संगठन है, जो वंचित समुदायों के बच्चों को शिक्षा, पोषण और रोजगार के अवसर देकर उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
फाउंडेशन शुरू करने से पहले आपकी पृष्ठभूमि क्या थी?
फाउंडेशन की स्थापना से पहले मैंने दो दशकों से अधिक समय तक कॉर्पोरेट जगत में काम किया. इस दौरान भारत और विदेशों में नेतृत्व की भूमिका निभाईं. मैंने बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग और आईआईएम लखनऊ से एमबीए किया है. आईकेईए जैसी कंपनियों में काम करने से मुझे बड़े पैमाने पर संचालन, संरचित प्रणालियों और रणनीतिक सोच का अनुभव मिला, जो अब फाउंडेशन के सफल संचालन में काम आता है.
आपको लोटस पेटल फाउंडेशन बनाने की प्रेरणा कहां से मिली?
यह विचार 2011 की एक सर्द सुबह में आया. जब मैं अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जा रहा था, तभी मैंने कुछ बच्चों को ठंड में नंगे पैर चलते देखा. उस क्षण ने मेरे दिल को गहराई से छू लिया. तभी मुझे एहसास हुआ कि हर बच्चे को सम्मान और अवसर मिलना चाहिए. यही सोच लोटस पेटल फाउंडेशन का बीज बनी.
Lotus Petal Foundation: आपको सबसे ज्यादा किससे प्रेरणा मिली?
मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा वे बच्चे हैं जिनकी हम सेवा करते हैं. उनकी दृढ़ता और संघर्ष मुझे आगे बढ़ने की ताकत देती है. इसके अलावा, मुझे अपने कॉर्पोरेट और परोपकारी जीवन के सलाहकारों से भी मार्गदर्शन मिला. एक किताब जिसने मेरे दृष्टिकोण को गहराई से प्रभावित किया, वह है परमहंस योगानंद की “Autobiography of a Yogi”, जिसने आत्म-अनुशासन, सेवा और विनम्रता के मूल्यों को मजबूत किया.

नेतृत्व का सबसे महत्वपूर्ण सबक आपने क्या सीखा?
नेतृत्व केवल नियंत्रण के बारे में नहीं है; यह प्रभाव और सशक्तिकरण के बारे में है. हमारी यात्रा सिर्फ छह बच्चों और एक छोटे से क्लासरूम से शुरू हुई थी. आज जो विकास हुआ है, वह समर्पित शिक्षकों, प्रतिबद्ध कर्मचारियों और उदार दाताओं के कारण संभव हुआ है. मैंने सीखा कि सच्चा नेतृत्व जुनून, उद्देश्य और व्यावसायिकता को जोड़कर सहानुभूति और देखभाल के साथ आगे बढ़ाना है.
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Lotus Petal Foundation के कौन से इनोवेशन पर आपको गर्व है?
हमारे बड़े नवाचारों में से एक है प्रतिष्ठान लर्निंग सेंटर (PLC), जो खंडित शिक्षा वाले बच्चों के लिए फास्ट-ट्रैक प्रोग्राम है. इस कार्यक्रम की मदद से कई बच्चे जिन्होंने पढ़ाई में काफी समय खो दिया था, केवल पांच सालों में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने में सफल रहे. हमारी पहली छात्रा सलोनी राज डॉक्टर बनीं. यह इस बात का प्रमाण है कि सही सहयोग मिलने पर कोई भी बाधा असंभव नहीं है.
आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है? (Lotus Petal Foundation)
मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी शिक्षा को जीवन बदलते हुए देखना है. एक छोटे से कमरे से शुरू करके आज लोटस पेटल सीनियर सेकेंडरी स्कूल का निर्माण हुआ, जो हजारों बच्चों को शिक्षा दे रहा है. वंचित पृष्ठभूमि के बच्चे जब समाज की मुख्यधारा में रोल मॉडल बनते हैं, तो वह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है.
फाउंडेशन के लिए आपकी भविष्य की योजनाएं क्या हैं?
हमारा लक्ष्य है कि लोटस पेटल सीनियर सेकेंडरी स्कूल अपनी पूरी क्षमता के साथ एक ही कैंपस में 10,000 बच्चों की सेवा करे. इसके साथ ही, हम डिजिटल लाइव टीचिंग के जरिए पूरे भारत में 1,00,000 छात्रों तक पहुंचने की योजना बना रहे हैं. मेरी कोशिश है कि हमारे द्वारा बनाए गए सिस्टम और लीडरशिप मॉडल भविष्य में भी इस मिशन को आगे बढ़ाते रहें.
Lotus Petal Foundation को दूसरों से अलग क्या बनाता है?
हम हमेशा बच्चे को केंद्र में रखते हैं. हमें अलग करने वाली बात है—सामाजिक भलाई के जुनून और पेशेवर प्रणाली का संतुलन. हम केवल कार्यक्रम नहीं चलाते, बल्कि ऐसे मॉडल तैयार करते हैं जो स्थायी और बड़े पैमाने पर असर डालते हैं.

आने वाले पांच वर्षों में आप शिक्षा क्षेत्र को कहां देखते हैं?
शिक्षा तेजी से डिजिटल और हाइब्रिड मॉडल की ओर बढ़ रही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से पर्सनलाइज्ड लर्निंग आसान होगी. खासकर वंचित समुदायों के लिए यह बदलाव बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. लोटस पेटल में भी हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि कोई बच्चा पीछे न छूटे.

