Jharkhand School Innovation Challenge 2025: IIT ISM धनबाद की तरफ से आयोजित झारखंड स्कूल इनोवेशन चैलेंज 2025 (Jharkhand School Innovation Challenge 2025) में इस साल कई शानदार आइडिया और मॉडल देखने को मिले. लेकिन इनमें सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाला प्रोजेक्ट रहा रांची के डीएवी पब्लिक स्कूल के क्लास 9 के छात्र अग्रीम श्रीवास्तव का इनोवेशन. अग्रीम ने ऐसा स्मार्ट हेल्मेट बनाया है जो पहनने के बाद ही Two-Wheeler स्टार्ट होगा. इस शानदार और उपयोगी आइडिया के लिए उन्हें पहला पुरस्कार मिला है और 50,000 रुपये का कैश प्राइज भी दिया गया है.
इस प्रतियोगिता का आयोजन IIT ISM धनबाद के नरेश वशिष्ठ सेंटर फॉर टिंकरिंग एंड इनोवेशन ने किया. झारखंड के विभिन्न जिलों से स्कूलों ने इसमें भाग लिया. यह प्रतियोगिता 2022 से लगातार आयोजित की जा रही है और इसका मकसद बच्चों में इनोवेशन की सोच पैदा करना है. इस साल चैलेंज का लेवल और भी ज्यादा मजबूत नजर आया.
Jharkhand School Innovation Challenge में 100 से ज्यादा स्कूलों ने लिया हिस्सा
Jharkhand School Innovation Challenge 2025, Avishkar 5.0 के पहले राउंड में झारखंड के 100 से ज्यादा स्कूलों ने भाग लिया. यहां से अलग-अलग प्रोजेक्ट और मॉडल की जांच हुई. इनमें से 20 स्कूलों की टीमों ने ग्रैंड फिनाले के लिए क्वालिफाई किया. चयनित टीमों ने पर्यावरण संरक्षण, सुरक्षा, स्वास्थ्य, यातायात प्रबंधन, कृषि, AI और रोबोटिक्स जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर इनोवेटिव मॉडल तैयार किए.
अग्रीम श्रीवास्तव का स्मार्ट हेल्मेट बना शोस्टॉपर
इस पूरे आयोजन में सबसे खास मॉडल रहा अग्रीम श्रीवास्तव का हेल्मेट. यह हेल्मेट एक तरह का सेफ्टी इनोवेशन है. यह मॉडल सड़क सुरक्षा के लिहाज से बेहद उपयोगी माना जा रहा है. अग्रीम के इस आइडिया ने जजों को इतना प्रभावित किया कि उन्हें फर्स्ट प्राइज दिया गया. इसकी खासियत यह है कि:
- हेल्मेट पहनने के बाद ही Two-Wheeler स्टार्ट होगा.
- अगर वाहन स्टार्ट करने के बाद हेल्मेट उतार दिया जाए तो बाइक खुद बंद हो जाएगी.
फिनाले में लाइव डेमो
फिनाले में पहुंचे सभी 20 स्कूलों की टीमों को IIT ISM धनबाद कैंपस में अपने मॉडल का लाइव डेमो देना होगा. फाइनल प्रेजेंटेशन के आधार पर ही विजेताओं का चयन किया जाएगा. सभी टीमों ने ऐसे मॉडल पेश किए हैं जो भविष्य में समाज और तकनीक के क्षेत्र में इस्तेमाल हो सकते हैं.
झारखंड स्कूल इनोवेशन चैलेंज का मुख्य उद्देश्य राज्य के बच्चों में नई सोच, क्रिएटिविटी और तकनीकी कौशल को बढ़ावा देना है. IIT ISM धनबाद की यह पहल आने वाले समय में कई युवा इनोवेटर्स को प्रेरित कर रही है. अग्रीम श्रीवास्तव जैसे छात्रों की सफलता इस कार्यक्रम की सार्थकता साबित करती है.
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