Success Story IAS Jyoti: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के कमालसर गांव की रहने वाली ज्योति की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने तो देखता है लेकिन संसाधनों की कमी से डर जाता है. छोटे से गांव में पली बढ़ी ज्योति (IAS Jyoti) ने यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो रास्ते अपने आप बनते चले जाते हैं.
ज्योति का परिवार बेहद साधारण है. पिता शिक्षक हैं और मां गृहिणी. घर का माहौल पढ़ाई को लेकर हमेशा सकारात्मक रहा. पिता ने बच्चों की शिक्षा में कभी कोई समझौता नहीं किया और यही संस्कार ज्योति की सबसे बड़ी ताकत बने.
IAS Jyoti पढ़ाई में शुरू से अव्वल
ज्योति (IAS Jyoti) शुरू से ही पढ़ाई में तेज थीं. स्कूल और कॉलेज के दिनों में उनका नाम हमेशा अच्छे छात्रों में लिया जाता था. उनके भाई और बहन इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं जिससे घर में पढ़ाई का माहौल और मजबूत हुआ. ज्योति ने सिर्फ किताबों तक खुद को सीमित नहीं रखा बल्कि अलग अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में हाथ आजमाया. उन्होंने असिस्टेंट अकाउंटेंट का एग्जाम पास किया. सब इंस्पेक्टर की परीक्षा भी क्रैक की. इतना ही नहीं UGC NET JRF जैसी कठिन परीक्षा भी उन्होंने अपने दम पर पास की.
UPSC क्रैक करने के बाद आईएएस ज्योति
आज के दौर में UPSC की तैयारी का मतलब लाखों की कोचिंग माना जाता है. लेकिन ज्योति ने इस सोच को पूरी तरह बदल दिया. उन्होंने बिना किसी कोचिंग के खुद की रणनीति बनाई. सिलेबस को अच्छे से समझा. एनसीईआरटी किताबों से मजबूत बेस तैयार किया. रोजाना अखबार पढ़ना और नोट्स बनाना उनकी दिनचर्या का हिस्सा था. ज्योति मानती हैं कि आत्मविश्वास और सही दिशा में मेहनत सबसे बड़ा कोच होता है.
UPSC रैंक 433 से बनीं IAS
साल 2024 की UPSC सिविल सर्विस परीक्षा में ज्योति ने ऑल इंडिया रैंक 433 हासिल की. उन्हें कुल 948 अंक मिले. लिखित परीक्षा में 805 अंक और इंटरव्यू में 143 अंक प्राप्त हुए. इस शानदार प्रदर्शन के साथ ज्योति का चयन IAS सेवा के लिए हो गया. उन्हें उत्तराखंड कैडर मिला है. आज झुंझुनूं की यह बेटी लाखों युवाओं के लिए मिसाल बन चुकी है. ज्योति की सफलता यह सिखाती है कि मेहनत सच्ची हो तो बिना कोचिंग भी इतिहास रचा जा सकता है.
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