Success Story in Hindi: “हताशा को मैं नहीं जानता था…”
विनोद कुमार शुक्ल की कविता की ये पंक्ति उस इंसान की पहचान बन जाती है, जिसने कठिन समय में भी अपने भीतर उम्मीद की खिड़की खुली रखी हो. जब चारों ओर असफलताएं हों, रास्ते बंद हों, तब भी अगर मन में एक रोशनी बाकी रह जाए, वही तो है असली जिजीविषा.
गाजीपुर के अभिनंदन यादव भी कुछ ऐसे ही हैं. उन्होंने जिंदगी की दीवार में अपनी मेहनत से एक खिड़की बनाई, और उस खिड़की से हर बार असफलता के बाद भी रोशनी आती रही. 16 बार हारने के बाद भी वे न टूटे, न थके. हर बार, जब कोई और कहता कि अब छोड़ दो, उन्होंने भीतर से यही कहा, “मैं हताशा को नहीं जानता”. और फिर 17वीं कोशिश में, उन्होंने UPSC की प्रतिष्ठित CAPF परीक्षा 2024 पास कर दिखाया कि हारें चाहे जितनी हों, अगर मन में एक खिड़की खुली हो, तो रोशनी जरूर आएगी.
आज इस लेख के माध्यम से हम उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के एक छोटे से गांव खोजापुर से ताल्लुक रखने वाले अभिनंदन यादव की ऐसी ही एक कहानी के बारे में जानेंगे, जो उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो बार-बार असफलता से निराश हो जाते हैं. अभिनंदन ने 16 सरकारी नौकरी की परीक्षाएं दीं और हर बार असफल रहे. लेकिन 17वें प्रयास में उन्होंने कमाल कर दिखाया- उन्होंने पहले ही प्रयास में UPSC CAPF (असिस्टेंट कमांडेंट) परीक्षा 2024 पास कर ली और देश सेवा की राह पर चल पड़े.
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Success Story in Hindi: IIT से इंजीनियरिंग की पढ़ाई
अभिनंदन की शुरुआती पढ़ाई गाजीपुर में हुई. इसके बाद वह कोटा गए और कड़ी मेहनत से IIT गुवाहाटी में दाखिला पाया. वर्ष 2022 में इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद उन्हें गुरुग्राम की एक कंपनी में नौकरी भी मिल गई. लेकिन उनके दिल में तो देश के लिए कुछ करने की चाह थी. इसीलिए उन्होंने नौकरी के साथ-साथ सरकारी नौकरी की तैयारियां शुरू कीं.
गुरुग्राम में एक कमरे में रहते हुए, वे खुद ही खाना बनाते, घर के सारे काम करते और साथ ही दिन के 12 घंटे पढ़ाई में लगाते थे. इस दौरान उन्होंने SSC, बैंक, रेलवे समेत कई परीक्षाएं दीं, कुल 16 बार असफल हुए. फिर भी हार नहीं मानी.
SSC CGL में 126वीं रैंक मिली थी
अभिनंदन ने SSC CGL परीक्षा पास कर ऑल इंडिया रैंक करे 126 लेकर आए थे उसके बाद ऑडिटर की नौकरी भी पाई, लेकिन उनका सपना बड़ा था, CAPF में अधिकारी बनना. उन्होंने अपनी गलतियों को पहचाना, पढ़ाई की रणनीति बदली और पूरी लगन के साथ तैयारी की.
उनकी मेहनत रंग लाई. साल 2024 में UPSC CAPF की परीक्षा में उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता पाई और अब वे एक असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर हैं, एक ऐसा पद जो ना सिर्फ सम्मान देता है, बल्कि जिम्मेदारी भी.
अभिनंदन की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि संघर्ष के बिना सफलता अधूरी है. UPSC, JEE या NEET जैसी कठिन परीक्षाओं में असफल होने वाले छात्रों के लिए यह एक मजबूत संदेश है,नाकामी अंत नहीं है, वो मंजिल तक पहुंचने का रास्ता भी बन सकती है.