Shimla Agreement 1972 in Hindi: शिमला समझौता भारत के कूटनीतिक इतिहास में मील का पत्थर है. कई बार लोग इसे 1962 से जोड़ते हैं लेकिन सही बात यह है कि शिमला समझौता 2 जुलाई 1972 को हुआ था. शिमला समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के बाद हुआ था. 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के बाद बांग्लादेश एक नया स्वतंत्र देश बनकर सामने आया. शिमला समझौता प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए महत्वपूर्ण विषय है. इसे SSC से लेकर UPSC तक लगभग सभी बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जाता है. आइए विस्तार से समझते हैं भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता (Shimla Agreement 1972 in Hindi) के बारे में विस्तार से.
शिमला समझौता के बारे में (Shimla Agreement 1972 in Hindi)
शिमला समझौता 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद सामने आया, जिसमें बांग्लादेश का जन्म हुआ था. शिमला समझौता भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच 2 जुलाई 1972 को शिमला (हिमाचल प्रदेश) में साइन किया गया. इसका मुख्य मकसद 1971 के युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता लाना था.
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शिमला समझौते के मुख्य बिंदु (Shimla Agreement 1972 in Hindi)
- शांतिपूर्ण समाधान: भारत और पाकिस्तान ने तय किया कि वे अपने सभी मुद्दों को आपसी बातचीत से हल करेंगे, किसी तीसरे देश की मदद नहीं लेंगे.
- नियंत्रण रेखा का सम्मान: दोनों देश जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LOC) का सम्मान करेंगे और इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं करेंगे.
- पारस्परिक सहयोग: दोनों देश आपस में दोस्ती बढ़ाने और आर्थिक व राजनीतिक रिश्ते बेहतर करने पर सहमत हुए.
- युद्धबंदियों की वापसी: भारत ने पाकिस्तान के 90,000 से ज्यादा युद्धबंदियों को रिहा करने का फैसला किया.
शिमला समझौते का महत्व क्या है? (Shimla Agreement 1972 in Hindi)
यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्ण संबंधों की नई शुरुआत थी. इसने तय किया कि दोनों देश अपने विवाद आपसी बातचीत से ही सुलझाएंगे.
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