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National Vaccination Day 2024 आज, पोलियो के टीके के साथ हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत

National Vaccination Day 2024: मानव शरीर में टीकों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 16 मार्च को भारत में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है. इस दिन का उपयोग उन स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए भी किया जाता है जो सभी का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए […]

National Vaccination Day 2024: मानव शरीर में टीकों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 16 मार्च को भारत में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है. इस दिन का उपयोग उन स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए भी किया जाता है जो सभी का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करते हैं. यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह घातक बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में टीकों के महत्व पर प्रकाश डालता है. यह बच्चों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने में डॉक्टरों और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की याद भी दिलाता है.

National Vaccination Day 2024: इस साल की थीम

इस साल यह दिवस हर जन तक टीकाकरण की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए तथा स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को सुधारने की दिशा में बेहतर प्रयासों की आवश्यकता पर सबका ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से ‘ टीके सभी के लिए काम करते हैं’ या “ वैक्सीन वर्क्स फॉर ऑल’ थीम पर मनाया जा रहा है.

National Vaccination Day 2024: क्यों महत्वपूर्ण राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस है?

कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी ने टीकाकरण की महत्ता को एक बार फिर से दुनिया को समझाया है. असल में टीकाकरण को बीमारियों से सुरक्षा प्राप्त करने हेतु ढ़ाल के रूप में समझा जा सकता है. टीकाकरण की ही देन है कि एक वक्त में लाखों लोगों की जान लेने वाली चेचक, खसरा, टिटनेस जैसी बीमारियों पर आज काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सका है.

National Vaccination Day 2024: पोलियो के टीके के साथ हुई शुरुआत

16 मार्च को राष्ट्रीय प्रतिरक्षा दिवस के रूप में भी जाना जाता है. भारत में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की शुरुआत साल 1995 से हुई. इस साल 16 मार्च को पहली बार ओरल पोलियो वैक्सीन यानी कि मुंह के माध्यम से पोलियो वैक्सीन दी गई. यह वह दौर था जब देश में पोलियो के मामले तेजी से बढ़़ रहे थे, जिसपर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने पोलियो टीकाकरण की शुरुआत की थी.

भारत में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस ख़त्म हो चुकी बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है कि समुदाय उनसे सुरक्षित है. मौखिक पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक भारत में WHO की वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल के हिस्से के रूप में दी गई थी, जो 1988 में शुरू हुई थी. पोलियो उन्मूलन के भारत के प्रयासों के बाद से, देश खसरा और रूबेला उन्मूलन के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर है. भी. टीकाकरण अभियान, “दो बूंद जिंदगी की” में 0 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को लक्षित किया गया है, और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके की दो बूंदें मौखिक रूप से दी जाती हैं.

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