LPU International Biotech Conference: लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी यानी एलपीयू ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि इनोवेशन और रिसर्च के मामले में वह देश की टॉप यूनिवर्सिटीज में से एक है. LPU जालंधर में आयोजित इस इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में बायोटेक्नोलॉजी से जुड़े देश-विदेश के बड़े नाम एक मंच पर जुटे. कॉन्फ्रेंस का थीम था- “बायोइनोवेट: सस्टेनेबल विकास लक्ष्यों के लिए विज्ञान और समाज के बीच का ब्रिज”. दो दिनों तक चली यह खास मीटिंग कई अहम चर्चाओं और नए आइडियाज की गवाह बनी.
LPU में जुटे ग्लोबल साइंस लीडर्स
इस कॉन्फ्रेंस में कई अंतरराष्ट्रीय शिक्षा विशेषज्ञ, प्रख्यात वैज्ञानिक और इंडस्ट्री के बड़े चेहरे शामिल हुए. सभी ने मिलकर इस बात पर चर्चा की कि बायोटेक्नोलॉजी कैसे आने वाले समय में सस्टेनेबल डेवलपमेंट का मजबूत आधार बन सकती है. युवाओं ने भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी रिसर्च को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर पेश करने का मौका पाया.
एलपीयू के प्रो-वाइस चांसलर डॉ लोवी राज गुप्ता ने कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी का लक्ष्य ऐसी रिसर्च को बढ़ावा देना है जो पर्यावरण के अनुकूल हो और समाज को वास्तविक फायदा पहुंचाए. उन्होंने बताया कि आज के समय में सिर्फ नए प्रयोग करना काफी नहीं है. जरूरी यह है कि वह टिकाऊ भी हों और आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य दे सकें.
स्वदेशी रिसर्च पर जोर
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, सीएसआईआर आईआईआईएम जम्मू के निदेशक डॉ जबीर अहमद ने युवाओं की सराहना करते हुए कहा कि भारत के पास बहुत बड़ा प्राकृतिक खजाना है. उन्होंने रिसर्चर्स से अपील की कि वे भारत के लोकल रिसोर्सेज और हर्बल बायोलॉजिकल एसेट्स पर रिसर्च बढ़ाएं. उनके अनुसार, अगर भारत स्वदेशी बायो-इनोवेशन को बढ़ावा देता है तो दुनियाभर में हेल्थ सेक्टर को game-changing लाभ मिलेंगे.
इस कार्यक्रम में सबसे दिलचस्प बात थी युवा रिसर्चर्स का उत्साह. वे अपने प्रोजेक्ट्स, पोस्टर्स और इनोवेटिव आइडियाज के साथ शामिल हुए. कई छात्रों ने बायोटेक्नोलॉजी के जरिए पर्यावरण संरक्षण, हेल्थकेयर और कृषि से जुड़े सस्टेनेबल सॉल्यूशंस पेश किए. बड़े वैज्ञानिकों ने भी उनकी सराहना की और उन्हें आगे बढ़ने की सलाह दी. इससे यह साफ दिखा कि भारत का विज्ञान भविष्य बेहद उज्ज्वल है.
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