Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में गिनी जाती है. ज्यादातर उम्मीदवार इस परीक्षा को पास करने के लिए कोचिंग इंस्टीट्यूट का सहारा लेते हैं. लेकिन कुछ लोग अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर यह साबित कर देते हैं कि सपने पूरे करने के लिए लगन और निरंतरता ही सबसे बड़ा हथियार है. ऐसी ही कहानी है राजस्थान के एक छोटे से गांव से निकलकर आई वंदना मीणा की, जिन्होंने बिना किसी कोचिंग के IAS बनने का सपना पूरा किया.
साधारण परिवार से निकली असाधारण कहानी
यह कहानी राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के टोकसी गांव की है. साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली वंदना मीणा के पिता दिल्ली पुलिस में अधिकारी हैं और मां गृहिणी हैं. बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रही इस लड़की का सपना था कि एक दिन वह सरकारी अधिकारी बनकर देश की सेवा करे. परिवार ने बेटी के सपने को देखते हुए बेहतर शिक्षा के लिए दिल्ली शिफ्ट होने का फैसला लिया.
दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई, UPSC की राह पर कदम
दिल्ली आने के बाद वंदना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से गणित (ऑनर्स) में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई के दौरान ही उनके मन में UPSC की तैयारी का ख्याल पक्का हो गया. लेकिन खास बात यह रही कि उन्होंने कोचिंग क्लासेस पर निर्भर रहने के बजाय सेल्फ स्टडी को ही अपना हथियार बनाया.
दिन के 10–15 घंटे की मेहनत
वंदना का मानना था कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता. यही कारण था कि उन्होंने रोजाना 10 से 15 घंटे तक पढ़ाई करने का नियम बनाया. उन्होंने NCERT की किताबों, यूट्यूब चैनल्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से पढ़ाई की. इसके अलावा, अखबार पढ़ना और नोट्स बनाना उनकी रोजाना की आदत में शामिल था.
खूबसूरती और पर्सनैलिटी ने खींचा ध्यान
सिर्फ मेहनत और पढ़ाई ही नहीं, बल्कि उनकी पर्सनैलिटी और खूबसूरती भी चर्चा का विषय रही है. लोगों का कहना है कि उनका आत्मविश्वास और लुक्स किसी फिल्मी अभिनेत्री की तरह लगते हैं. स्मार्टनेस और सादगी का अनोखा मेल उनकी शख्सियत को और भी प्रेरणादायक बनाता है.
मेहनत से मिली मंजिल
कड़ी मेहनत और आत्मअनुशासन का नतीजा यह हुआ कि उन्होंने UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पास कर IAS अधिकारी बनने का गौरव हासिल किया. उनकी यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत ईमानदारी से की जाए तो सफलता जरूर मिलती है.
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