Mental Health tips for college students : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार बेहतर मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति अपनी क्षमताओं का एहसास करता है, जीवन के सामान्य तनावों से निपट सकता है, उत्पादक और फलदायी रूप से काम कर सकता है और अपने सभी काम करने में सक्षम होता है एक सुंदर दुनिया में निर्माण में अहम भूमिका निभाता है. इसलिए बच्चों और युवाओं के सकारात्मक विकास के लिए उनके मानसिक स्वास्थ्य का अच्छा होना आवश्यक है. इस बात को ध्यान में रखते हुए हम उन छात्रों के लिए आसान से तरीके लेकर आये हैं, जो अपने मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करना चाहते हैं.
खुद को महत्व देना शुरू करें
आपको अपनी तुलना दूसरों से नहीं करनी चाहिए. हर संभव स्थिति में अपने आप से दयालुता और सम्मान के साथ व्यवहार करना अपना ख्याल रखने का सबसे अच्छा तरीका है. अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए स्वयं की देखभाल करना महत्वपूर्ण है. छात्र स्वयं को स्व-देखभाल गतिविधियों को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करें, जिसमें पर्याप्त नींद लेना, संतुलित आहार खाना और नियमित शारीरिक व्यायाम करना शामिल हो. माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन की तकनीक का अभ्यास भी तनाव को कम करने को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है. छात्र योग, ध्यान और प्राणायाम आदि को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं.
एकेडमिक प्रेशर को मैनेज करना सीखें
शैक्षणिक तनाव छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है. इससे बचने के लिए प्रभावी समय प्रबंधन कौशल सीखें और कार्यों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए खुद को प्रोत्साहित करें. यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करना और जरूरत पड़ने पर मदद मांगना दबाव को कम कर सकता है और आत्मविश्वास बढ़ा सकता है. भारत में छात्रों से अक्सर नंबर वन होने की अपेक्षा की जाती हैं, छात्रों और उनके माता-पिता को स्वयं को इस अपेक्षा के दबाव से बचाना चाहिए और शिक्षा के प्रति एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का प्रयास करना चाहिए, जो समग्र विकास को महत्व देता हो. छात्र शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ पाठ्येतर गतिविधियों, शौक और रुचियों को आगे बढ़ाने के लिए स्वयं को प्रोत्साहित करें, जो खुशी और संतुष्टि लाते हैं. यह संतुलित दृष्टिकोण तनाव को कम कर सकता है और समग्र मानसिक कल्याण को बढ़ावा दे सकता है.
अपना एक सपोर्ट नेटवर्क बनाएं
मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक मजबूत समर्थन नेटवर्क का होना महत्वपूर्ण है. छात्रों को उन दोस्तों, परिवार के सदस्यों, शिक्षकों या परामर्शदाताओं से जुड़ने के लिए स्वयं को प्रोत्साहित करना चाहिए, जिन पर उन्हें भरोसा है. किसी से बात करने और अपनी भावनाओं को साझा करने से आराम मिल सकता है और अकेलेपन या चिंता की भावना कम हो सकती है. ऐसे मामलों में, जहां परिवार के सदस्य किशोरों के बढ़ते मानसिक दबाव के पीछे का प्राथमिक कारण होते हैं, छात्रों के लिए किसी भरोसेमंद वयस्क से सलाह लेना महत्वपूर्ण है, चाहे वह परिवार का कोई सदस्य हो, शिक्षक हो, करीबी पड़ोसी हो या पारिवारिक मित्र हो- जो कोई भी हो, जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप करने में सक्षम हो.
सकारात्मक सोच का अभ्यास करें
नकारात्मक विचार मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं. छात्रों को मन में आनेवाले नकारात्मक विचारों को चुनौती देने और इसे सकारात्मक पुष्टि के साथ बदलने के का प्रयास करना चाहिए. आप मिरर के सामने खड़े होकर यह दोहराएं कि मैं निगेटिव विचारों को मन में आने से रोकूंगा. प्रतिदिन 10-20 मिनट का ध्यान भी नकारात्मक सेल्फ टॉक से निपटने में काफी मदद कर सकता है.
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