Bihar IIT Factory: JEE Mains सेशन-2 2025 के रिजल्ट आने के बाद बिहार के गया जिले की पटवा टोली एक बार फिर चर्चा में है. कभी बुनकरों के लिए मशहूर यह इलाका अब पढ़ाई के लिए जाना जाने लगा है. जेईई मेन 2025 के दूसरे सेशन में यहां के 40 से अधिक छात्रों ने क्वालिफाई किया है. आइए जानते हैं बिहार के IIT की फैक्ट्री (Bihar IIT Factory) के बारे में.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पटवा टोली को लोग अब बिहार की ‘IIT फैक्ट्री’ कहने लगे हैं क्योंकि यहां से पिछले 25 सालों में दर्जनों छात्र आईआईटी पहुंच चुके हैं. इस बार भी 40 से अधिक स्टूडेंट्स ने सफलता पाई है और अब ये सभी छात्र जेईई एडवांस 2025 में भाग लेंगे, जो 18 मई को होगा.
इस साल सागर कुमार ने आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने 94.8% नंबर लाकर सबको गर्व महसूस कराया. उन्हें एक एनजीओ ‘वृक्षा’ का सहयोग मिला. यह कहानी सिर्फ नंबरों की नहीं है, यह संघर्ष, मेहनत और उम्मीद की मिसाल है. इसके अलावा अन्य छात्रों ने सफलता पाई है.
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वृक्ष फाउंडेशन का है बड़ा योगदान (Bihar IIT Factory)
बिहार के गया जिले की पटवा टोली अब सिर्फ बुनकरों की बस्ती नहीं बल्कि इंजीनियर बनने की उम्मीद लिए हजारों छात्रों का सपना बन चुकी है. यहां की सफलता की कहानियां इतनी मशहूर हैं कि अब दूसरे राज्यों के छात्र भी यहां आकर पढ़ाई करते हैं. इस साल 40 से ज्यादा छात्रों ने JEE Mains 2025 में सफलता हासिल कर यह साबित कर दिया कि पटवा टोली मेहनत और हौसले की मिसाल है. यहां का माहौल और पढ़ाई का जुनून इसे एक ऐसी जगह बनाता है, जहां से हर साल कई होनहार छात्र इंजीनियर बनने का सफर तय करते हैं. गांव के आईआईटी के पूर्व छात्रों द्वारा 2013 में स्थापित ‘वृक्ष’ फाउंडेशन इस प्रतिभा को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.