AIBE result validity extended : देश के लॉ ग्रेजुएट्स को राहत देते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (एआईबीई) के रिजल्ट की वैलिडिटी 31 मार्च, 2026 तक बढ़ा दी है. यह निर्णय कर्नाटक उच्च न्यायालय के अवलोकन के बाद लिया गया, जिसमें पाया गया कि कई योग्य उम्मीदवारों को राज्य बार काउंसिलों में एनरोलमेंट में देरी के कारण लॉ प्रैक्टिस शुरू करने में समस्या आ रही थी.
सैकड़ों छात्रों को मिली राहत
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की ओर से एआईबीई के रिजल्ट की वैधता 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाने से सैकड़ों लॉ ग्रेजुएट्स को राहत मिली है, जिनकी वैधता कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल (केएसबीसी) में नामांकन की प्रशासनिक देरी के कारण समाप्त हो गयी थी. यह फैसला कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक सुनवाई के दौरान सामने आया. हालांकि, याचिकाकर्ताओं द्वारा 2,500 रुपये सत्यापन शुल्क वापस करने की मांग पर उच्च न्यायालय ने कोई आदेश नहीं दिया, क्योंकि यह मामला पहले से ही सर्वोच्च न्यायालय के विचाराधीन है.
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छात्रों के करियर को ध्यान में रख कर लिया गया फैसला
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) का एआईबीई के परिणाम की वैधता बढ़ाने का निर्णय प्रशासनिक चुनौतियों के प्रति काउंसिल की स्वीकृति और यह सुनिश्चित करने के उसके इरादे को रेखांकित करता है कि कोई भी योग्य उम्मीदवार प्रक्रियात्मक देरी के कारण नुकसान में न रहे. 31 मार्च, 2026 तक वैध यह विस्तार राज्य बार काउंसिलों को लंबित आवेदनों को संसाधित करने के लिए अतिरिक्त समय देगा. यह कदम कानून के पेशे में शामिल होने की तैयारी कर रहे इच्छुक अधिवक्ताओं के लिए राहत लेकर आया है.

