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दरभंगा से पुणे तक में है महनसरिया समूह की संपत्ति, आयकर की छापेमारी मिले पांच करोड़ कैश व निवेश के कई दस्तावेज

इस कार्रवाई में करीब पांच करोड़ नकद कैश मिले हैं. कैश की गिनती करने के लिये आयकर को बैंक से मशीन मंगवाना पड़ा है.वहीं, दरभंगा के तीन अलग-अलग बैंक के लॉकर से लाखों रुपये के आभूषण,जमीन के दस्तावेज और निवेश के कई पेपर मिले हैं.आयकर विभाग को पुणे के औद्योगिक क्षेत्र में जमीन होने का दस्तावेज भी मिला है.

पटना. दरभंगा में मुर्गी-पशु दाना निर्माण करने वाली महनसरिया समूह की तीन कंपनियों के विरुद्ध आयकर की छापेमारी तीन दिन बुधवार सुबह वाइंड अप होगा गया. इनकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन यूनिट के सूत्रों का कहना है कि इस कार्रवाई में करीब पांच करोड़ नकद कैश मिले हैं. कैश की गिनती करने के लिये आयकर को बैंक से मशीन मंगवाना पड़ा है. वहीं, दरभंगा के तीन अलग-अलग बैंक के लॉकर से लाखों रुपये के आभूषण,जमीन के दस्तावेज और निवेश के कई पेपर मिले हैं.आयकर विभाग को पुणे के औद्योगिक क्षेत्र में जमीन होने का दस्तावेज भी मिला है.सूत्रों का कहना है कि आयकर की टीम को कई अहम दस्तावेज भी हाथ लगी है,जिसकी जांच की जायेगी. जिसमें वास्तविक आय से 20 गुना कम कर आयकर रिटर्न दाखिल करने का मामला सामने आया है. छापेमारी दरभंगा, समस्तीपुर और मधुबनी सहित राज्य के बाहर पुणे,कोलकाता एवं गौहाटी में की गयी थी.

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वही-खाता, रजिस्ट्रर और कंप्यूटर समेत अन्य दस्तावेज जब्त

आयकर विभाग की टीम ने एक साथ दरभंगा के महनसरिया समूह और समस्तीपुर के दिव्यदृष्टि समूह के मालिक अशोक मंसारिया, आनंद मंसारिया, राजकुमार मंसारिया और प्रकाश अनुपम के घर, कार्यालय,मिल और दुकान में छापेमारी की.जिसमें कारोबारी के दरभंगा के स्थानीय आवास के साथ ही समस्तीपुर, गुवाहाटी, पुणे, कोलकाता में स्थित आवास, फैक्ट्री और एजेंसी सहित 14 जगहों पर एक साथ दबिश दी.आयकर की टीम ने एकाउंट दस्तावेज,रजिस्टर,कंप्यूटर और डायरी सहित हिसाब किताब की साक्ष्य को जब्त कर लिया. उल्लेखनीय है कि महनसरिया समूह की कंपनियां मुर्गी और पशु दाना के साथ-साथ फूड उत्पाद से भी जुड़ी हैं.दरभंगा इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित अशोका कैटल एंड पोल्ट्री फीड प्राइवेट लिमिटेड, और आटा मिलें हैं. वहीं आयकर की टीम ने दबिश दी थी.

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10 से अधिक ठिकानों पर चली छापेमारी

इससे पूर्व मंगलवार को आयकर विभाग की टीम ने एक साथ दरभंगा के महनसरिया समूह तो दूसरी टीम समस्तीपुर के दिव्यदृष्टि समूह के मालिक अशोक मंसारिया, आनंद मंसारिया, राजकुमार मंसारिया और प्रकाश अनुपम के घर, कार्यालय, मिल और दुकान में छापेमारी की थी. जिसमें कारोबारी के दरभंगा के स्थानीय आवास के साथ ही समस्तीपुर, गुवाहाटी, पुणे, कोलकाता में स्थित आवास, फैक्ट्री और एजेंसी सहित 10 जगहों पर एक साथ दबिश दी. आयकर की टीम ने एकाउंट दस्तावेज, रजिस्टर, कंप्यूटर और डायरी सहित हिसाब किताब की साक्ष्य को जब्त कर लिया. महनसरिया समूह की कंपनियां मुर्गी और पशु दाना के साथ-साथ फूड उत्पाद से भी जुड़ी हैं. दरभंगा इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित अशोका कैटल एंड पोल्ट्री फीड प्राइवेट लिमिटेड, और आटा मिलें हैं. वहीं आयकर की टीम ने दबिश दी थी.

सोमवार से ही चल रही थी छोपमारी

120 लोगों की टीम, सोमवार सुबह 6 बजे से ही छापेमारी शुरू की. इनकम टैक्स के इन्वेस्टिगेशन यूनिट के 120 सदस्य सुबह 6 बजे दरभंगा के महनसरिया समूह और समस्तीपुर के दिव्यदृष्टि समूह के अशोक मंसारिया, आनंद मंसारिया, राजकुमार मंसारिया और प्रकाश अनुपम के घर, कार्यालय, फैक्ट्री, मिल, दुकान में छापेमारी की. इनकम टैक्स विभाग का आरोप है कि दरभंगा के महनसरिया समूह और समस्तीपुर के दिव्यदृष्टि समूह ने अपनी आय को छुपाया है. इसको देखते हुए इनकम टैक्स टीम सुबह 6 बजे ही दरभंगा के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित अशोका कैटल एंड पोल्ट्री फीड प्राइवेट लिमिटेड, आटा मिल, पोल्ट्री व्यवसाय समूह, पशु आहार के निर्माण और बिक्री के व्यवसाय के साथ ही कोलकाता, पुणे, गुवाहाटी में स्थित आवास, कार्यालय, फैक्ट्री में पहुंची. इस दौरान अधिकतर लोग सो रहे थे, जिसकी वजह से छापेमारी के दौरान व्यापारी के परिवार और व्यवसायी संस्था के कर्मचारियों को पता ही नहीं चला कि क्या हो रहा है. हालांकि स्थानीय पुलिस की वजह से टीम को अधिक विरोध का सामना नहीं करना पड़ा.

हार्ड डिस्क से खाता-बही तक में दर्ज कर रखे हैं हिसाब किताब

आधुनिक युग में भी वही खाता का इस्तेमाल, कागज के बंडल, पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क में छुपा राज व्यापारी वही खाता को शुभ मानते है. पीला कागज और लाल कवर का लंबा रजिस्टर अधिकांश व्यापारियों के पास दिखायी देता है. कुछ ऐसा ही दृश्य छापेमारी के दौरान व्यापारियों के कार्यालय और फैक्ट्री में दिखायी दिया. छापेमारी के दौरान इनकम टैक्स के इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने भारी दर्जनों की संख्या में वही खाता जब्त किया है. जिसमें थोक और फुटकर दुकानदारों से लेन देन का पूरा हिसाब था. इसके साथ ही रजिस्टर बरामद किया है. जिसमें माल ढुलाई की तारीख और सप्लाई के बारे में विवरण दिया गया है. जब्त पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क में देश के विभिन्न जगहों पर फैक्ट्री के व्यापार का रिकार्ड के साथ ही पुराने हिसाब किताब भी लिख हुए है. जिसके जांच के आधार पर इनकम टैक्स की टीम प्रदेश के अन्य जिलों के साथ ही देश के अन्य राज्यों में छापेमारी कर सकती है.

Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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