Tata Motors Share: टाटा मोटर्स ने अपने कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल बिजनेस को अलग किया है. मंगलवार को शेयर में 40% की गिरावट तकनीकी एडजस्टमेंट की वजह से हुई थी , न कि कंपनी की कमजोरी के कारण हुई थी. डिमर्जर का मकसद दोनों बिजनेस पर फोकस बढ़ाना और लंबी अवधि में वैल्यू अन्लाक करना है.
क्यों गिरे टाटा मोटर्स के शेयर 40%?
टाटा मोटर्स के शेयर मंगलवार को करीब 40% गिर गये, जिससे कई ट्रेडिंग ऐप्स पर भारी गिरावट दिखी है. लेकिन यह गिरावट कंपनी के खराब प्रदर्शन के कारण नहीं है, बल्कि इसलिए है क्योंकि टाटा मोटर्स ने अपने कमर्शियल व्हीकल (CV) बिजनेस को पैसेंजर व्हीकल (PV) यूनिट से अलग कर दिया है.
डिमर्जर के बाद निवेशकों को क्या मिलेगा?
डिमर्जर के तहत, जिन निवेशकों के पास रिकॉर्ड डेट तक टाटा मोटर्स के शेयर थे, उन्हें नई कमर्शियल व्हीकल कंपनी (TMLCV) के एक शेयर के बदले टाटा मोटर्स के एक शेयर मिलेंगे. यानी अब कंपनी दो हिस्सों में बंट चुकी है. एक है पैसेंजर व्हीकल्स और दूसरा कमर्शियल व्हीकल्स है.
क्या वाकई टाटा मोटर्स का वैल्यू घटा है?
मंगलवार को शेयर 399 रुपये पर खुले, जो सोमवार के 660.90 रुपये के मुकाबले लगभग 39.62% कम था. यह गिरावट केवल तकनीकी है, क्योंकि अब कमर्शियल व्हीकल बिजनेस की वैल्यू मुख्य कंपनी से अलग हो गई है. कंपनी का कुल मार्केट कैप करीब 1.45 लाख करोड़ रुपये रहा है.
रिकॉर्ड डेट क्या है और क्यों है यह जरूरी?
13 अक्टूबर, सोमवार को आखिरी दिन था जब निवेशक डिमर्ज्ड कंपनी के शेयर पाने के लिए टाटा मोटर्स के शेयर खरीद सकते थे. मंगलवार को रिकॉर्ड डेट रखी गई थी, जिसके आधार पर तय होगा कि किसे नए शेयर मिलेंगे. कंपनी T+1 सेटलमेंट साइकिल पर काम कर रही है, यानी लेन-देन अगले दिन निपटाया जाता है.
नई कंपनी के शेयर कब होंगे लिस्ट?
पुराने डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट सोमवार को खत्म हो गए और मंगलवार से नई कंपनी Tata Motors Passenger Vehicles Limited (TMPVL) के कॉन्ट्रैक्ट्स की ट्रेडिंग शुरू हुई है. हालांकि, Tata Motors Commercial Vehicles (TMLCV) अभी फ्यूचर्स एण्ड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग में शामिल नहीं होगी. निवेशकों को 1:1 अनुपात में नए शेयर मिलेंगे, जो अगले 45-60 दिनों में BSE और NSE पर लिस्ट होंगे.
क्या डिमर्जर से टाटा मोटर्स को होगा फायदा?
SBI Securities का अनुमान है कि डिमर्जर के बाद टाटा मोटर्स का शेयर 285 रुपये – 384 रुपये के बीच रह सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट सिर्फ एक टेक्निकल एडजस्टमेंट है, न कि कंपनी की कमजोरी है. डिमर्जर से टाटा मोटर्स को अपने दोनों बिजनेस पर बेहतर फोकस और भविष्य में मजबूत ग्रोथ में मदद मिलेगी.
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