LG India Electronics IPO: एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का पहला दिन ट्रेडिंग का बिल्कुल धमाकेदार रहा है. 14 अक्टूबर को कंपनी ने अपने शेयर की कीमत में 50.4% का जोरदार उछाल देखा है. इस तेजी के साथ कंपनी का मार्केट वैल्यू 13.07 बिलियन डॉलर (लगभग 1.15 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गया है. इतना ही नहीं, यह अपने साउथ कोरियाई पैरेंट कंपनी के 10 बिलियन डॉलर (लगभग 88,000 करोड़ रुपये) के मार्केट कैप को भी पीछे छोड़ गया है. निवेशकों ने इस आईपीओ में काफी दिलचस्पी दिखाई है, जो 2008 के बाद से देश का सबसे ज्यादा सब्सक्राइब किया गया आईपीओ बन गया है.
शेयर NSE पर कितने में लिस्ट हुआ?
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के शेयर ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर जब पहला कदम रखा, तो ये 1,710.1 रुपये पर लिस्ट हुआ और जल्दी ही 1,714.90 रुपये तक पहुँच गया है. शुरुआत में इनकी कीमत 1,140 रुपये तय की गई थी. ये आईपीओ 2021 के इटरनल के बाद से भारत में एक अरब डॉलर वाले आईपीओ के लिए सबसे शानदार स्टॉक मार्केट डेब्यू साबित हुआ. ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर ने इस शेयर पर “BUY” रेटिंग के साथ कवरेज शुरू किया और 1,780 रुपये का लक्ष्य मूल्य रखा, जो मौजूदा बाजार मूल्य से लगभग 4% तक की बढ़त दर्शाता है.
IPO का रिस्पॉन्स कैसा रहा?
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का IPO धमाकेदार रहा था और निवेशकों का उत्साह देखने लायक था. प्रभुदास लीलाधर के मुताबिक, कंपनी का मजबूत डिस्ट्रब्यूशन नेटवर्क और प्रीमियम ब्रांड पोजिशनिंग उसे हर सेक्शन में बाजार में आगे रखती है. इसके साथ ही, वित्त वर्ष 2025-28 में कंपनी के राजस्व, ईबीआईटीडीए और मुनाफे में क्रमशः 9.9%, 10.9% और 9.3% की बढ़ोतरी की उम्मीद है. इसका कारण क्षमता बढ़ाना, AMC और B2B विस्तार और लोकल सोर्सिंग पर ध्यान देना है.मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने भी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया पर “BUY” रेटिंग दी और 1,800 रुपये का लक्ष्य रखा है. उनका कहना है कि कंपनी के अच्छे रिटर्न और लोकल फोकस के कारण शेयर अच्छा रिटर्न दे सकता है.
IPO का रिस्पॉन्स और निवेशकों का भरोसा कैसा रहा?
भारत के घरेलू उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट (मोबाइल फोन को छोड़कर) का 2024-29 के बीच 14% CAGR की दर से बढ़ने का अनुमान है. एलजी इंडिया इस मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार है. प्रीमियम व आम उत्पादों के बीच संतुलन बनाने की योजना बना रही है. कंपनी का 1.3 बिलियन डॉलर का IPO लॉन्च होते ही बिक गया और 50 बिलियन डॉलर की बोली मिली है. इससे साफ है कि भारत में उपभोक्ता मांग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेशकों का भरोसा मजबूत है. यह IPO पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा सब्सक्राइब किया गया बिलियन डॉलर का प्रस्ताव बन गया है, जो जोमैटो, पेटीएम और LIC के फ्लोटेशन को भी पीछे छोड़ देता है.
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एलजी इंडिया अपने कंपिटिटर्स से कैसे बेहतर है?
IPO के बाद कंपनी का मार्केट वैल्यू 8.73 बिलियन डॉलर से ज्यादा पहुंच गया है, जो भारत में अपने कंपिटिटर्स जैसे व्हर्लपूल (1.67 बिलियन डॉलर), वोल्टास (5.16 बिलियन डॉलर) और हैवेल्स (10.42 बिलियन डॉलर) से बेहतर है. इसकी तुलना में टाटा कैपिटल का शेयर 14 अक्टूबर को 330 रुपये पर खुला था, जो IPO कीमत 1.75 बिलियन डॉलर से बस 1.2% ज्यादा था.
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