32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

IIT-IIM से की पढ़ाई, अपने दम पर खड़ा की अरबों की कंपनी, एक गलती और अब जेल में गुजारेगी 20 साल,जानें पूरी कहानी

Subhiksha Founder Jail: रिटेल चेन सुभिक्षा के संस्थापक आर सुब्रमण्यम को निवेशकों को धोखा देने के मामले में 20 सालों की सजा सुनाई गयी है. 20 नवंबर को कोर्ट ने उन्हें ये सजा सुनाई है.

Subhiksha Founder Jail: रिटेल चेन सुभिक्षा के संस्थापक आर सुब्रमण्यम को निवेशकों को धोखा देने के मामले में 20 सालों की सजा सुनाई गयी है. 20 नवंबर को कोर्ट ने उन्हें ये सजा सुनाई है. मगर, क्या आपको आर सुब्रमण्यम के अर्श से फर्श तक पहुंचने की कहानी पता है. दरअसल, रिटेल चेन सुभिक्षा के संस्थापक और आईआईएम डिग्री के साथ आईआईटी के पूर्व छात्र हैं. उन्हें चेन्नई की एक विशेष अदालत से सैकड़ों निवेशकों को धोखा देने और उनकी संपत्ति को पुनर्निर्देशित करने के लिए विभिन्न शेल फर्मों का उपयोग करने का दोषी ठहराया गया. तमिलनाडु जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (वित्तीय प्रतिष्ठानों में) अधिनियम (टीएनपीआईडी ​​अधिनियम) के अनुसार, अदालत ने सुब्रमण्यम और उनके सहयोगियों को दोषी ठहराया. फैसले में कहा गया है कि सुब्रमण्यम और अन्य ने चार कार्यक्रमों – प्राइम इन्वेस्ट, एसेट बैक्ड सिक्योरिटी बॉन्ड, लिक्विड प्लस और सेफ्टी प्लस – के माध्यम से जमा राशि एकत्र की, जो ए1 एम/एस द्वारा प्रायोजित थे. विश्वप्रिया इंडिया लिमिटेड पर वित्तीय संस्थान में निवेश करने के लिए जमाकर्ताओं को धोखा देने का आरोप है. जब पैसा परिपक्व हो गया, तो उन्होंने इसे नई योजनाओं में फिर से निवेश करने के लिए जमाकर्ताओं को धोखा दिया, जिन्होंने भारी अल्पकालिक लाभ की पेशकश की. आरोपियों ने जमाकर्ताओं को परिपक्व राशि लौटाने में आनाकानी की.

1991 में स्थापित की गयी थी कंपनी

विश्वप्रिया व्यवसाय में सुब्रमण्यम का पहला उद्यम था. इसकी स्थापना मई 1991 में एक वित्तीय सेवा कंपनी के रूप में की गई थी. 1997 में, उन्होंने सुभिक्षा लॉन्च की. कई निवेशक विश्वप्रिया की विभिन्न योजनाओं की ओर आकर्षित हुए और अभी तक, प्रभावित निवेशकों में से 587 को अपना पैसा वापस नहीं मिला है. सुब्रमण्यम ने स्वीकार किया कि उन्होंने पिछले दस वर्षों से स्वेच्छा से कोई पैसा जमा नहीं किया है और उन्होंने सभी कार्यक्रमों में जमाकर्ताओं को 137 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान नहीं किया है. सुब्रमण्यम पर कोर्ट ने 8.92 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि दोषी संगठनों पर 191.98 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इस राशि में से 180 करोड़ रुपये जमाकर्ता मुआवजे के लिए निर्धारित हैं. जैसा कि अदालत के फैसले की आवश्यकता है, मुआवजे का पैसा एक अधिकृत संस्था को हस्तांतरित किया जाना चाहिए, जो प्रभावित निवेशकों के दस्तावेज़ों की पुष्टि करने के बाद उन्हें वितरित करेगा.

Also Read: शेयर बाजार के सबसे बड़े ‘भविष्यवक्ता की भविष्यवाणी’, इक्विटी पोर्टफोलियो में किया बदलाव, कही ये बड़ी बात

क्या है सुभिक्षा रिटेल चेन

सुभिक्षा रिटेल चेन एक भारतीय रिटेल चेन थी, जो सुपरमार्केट्स, हाइपरमार्केट्स और अन्य खुदरा विपणी स्थानों को संचालित करती थी. यह भारत में 1997 में स्थापित हुई थी और कुछ वर्षों तक बड़ी विस्तार की गई थी. हालांकि, इसकी संख्या और स्थितियां समय के साथ बदल गई हैं और 2019 के बाद सुभिक्षा के संचालन में कई बदलाव हुए हो सकते हैं. सुभिक्षा के पहले उदाहरण के रूप में इसने सस्ती और विशेष छूटों के साथ ग्राहकों को आकर्षित किया. इसने भारत में विभिन्न शहरों में अपनी दुकानों की चढ़ाई की और सस्ती के माध्यम से दरबार को बढ़ावा दिया. हालांकि, दौरे के दौरान वित्तीय समस्याओं के चलते, सुभिक्षा ने 2008 में अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती करनी पड़ी और कई दुकानें बंद करनी पड़ीं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें