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Stock Market: चार दिनों के बाद भारतीय बाजार दिखी मामूली बढ़त, एक्सपर्ट से जानें कैसे रह सकता है आज का बाजार

Stock Market Update: तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान 461.6 अंक ऊपर-नीचे हुआ. अंत में यह 14.54 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की मामूली तेजी के साथ 66,023.69 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 66,225.63 अंक तक गया और नीचे में 65,764.03 अंक तक आया.

Stock Market Update: भारतीय शेयर बाजार में पिछले चार कारोबारी दिनों से जारी गिरावट का दौर इस कारोबारी सप्ताह के पहले दिन रुक गया. हालांकि, शेयर बाजार के बंद होते समय मिली बढ़त काफी मामूली थी. ‍BSE Sensex मामूली 14.54 अंक के लाभ में रहा. वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख और विदेशी कोषों की निकासी से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान 461.6 अंक ऊपर-नीचे हुआ. अंत में यह 14.54 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की मामूली तेजी के साथ 66,023.69 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 66,225.63 अंक तक गया और नीचे में 65,764.03 अंक तक आया. जबकि, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी मामूली 0.30 अंक की बढ़त के साथ 19,674.55 अंक पर बंद हुआ. वित्तीय, टिकाऊ उपभोक्ता सामान, रियल्टी और बैंक शेयरों में जो लाभ हुआ, वह आईटी, तेल एवं गैस तथा दवा कंपनियों के शेयरों में नुकसान से जाता रहा.

पिछले शुक्रवार तक 1829 अंक टूटा था सेंसेक्स

इससे पहले पिछले कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन तक चार कारोबारी सत्रों में निफ्टी 518 अंक यानी 3.37 प्रतिशत नीचे आया था, जबकि सेंसेक्स 1,829 अंक यानी तीन प्रतिशत प्रतिशत टूटा था. विश्लेषकों के अनुसार, मुद्रास्फीति तथा उच्च ब्याज दर को लेकर बढ़ती चिंता के बीच अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने से निवेशक चिंतित हैं. विदेशी संस्थागत निवेशक स्थानीय शेयर बाजार में बिकवाल बने हुए हैं. सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में बजाज फाइनेंस सबसे ज्यादा 4.64 प्रतिशत मजबूत हुआ. इसके अलावा बजाज फिनसर्व, कोटक महिंद्रा बैंक, एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, आईसीआईसीआई बैंक, एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील प्रमुख रूप से लाभ में रहे. दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में इन्फोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, विप्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंडसइंड बैंक और एचसीएल टेक्नोलॉजीज शामिल हैं.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आज का कारोबार मिला-जुला रहा. रियल्टी, बैंक और टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा जबकि आईटी तथा औषधि क्षेत्र संघर्ष करते दिखे. निवेशक वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े शेयरों की जगह घरेलू अर्थव्यवस्था से संबद्ध शेयरों को तरजीह दे रहे हैं. नायर ने कहा कि लंबे समय तक उच्च नीतिगत दर को देखते हुए वैश्विक स्तर पर आर्थिक नरमी को लेकर चिंता बढ़ी है. विश्लेषकों के अनुसार, जेपी मॉर्गन के सरकारी बॉन्ड सूचकांक-उभरते बाजार श्रेणी (जीबीआई-ईएम) में भारत की सरकारी प्रतिभूतियों के शामिल होने से वित्तीय क्षेत्र को मजबूती मिली. इससे कोष की लागत में कमी आने की उम्मीद है. व्यापक स्तर पर बीएसई में मझोली कंपनियों का सूचकांक ‘मिडकैप’ 0.46 प्रतिशत चढ़ा, जबकि छोटी कंपनियों का सूचकांक ‘स्मॉलकैप’ 0.12 प्रतिशत मजबूत हुआ.

कैसा रहा ग्लोबल मार्केट

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे, जबकि जापान का निक्की लाभ में रहा. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा. अमेरिकी बाजार में शुक्रवार को गिरावट रही थी. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 93.63 डॉलर प्रति बैरल रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 1,326.74 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे थे. सितंबर के पहले तीन सप्ताह में एफआईआई भारतीय बाजार से 10,000 करोड़ रुपये से अधिक निकाल चुके हैं.

रुपया 20 पैसे की गिरावट के साथ 83.14 प्रति डॉलर पर

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया सोमवार को 20 पैसे की गिरावट के साथ 83.14 (अस्थायी) प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों तथा विश्व की अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने से रुपये में गिरावट आई. बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी कोषों की धन निकासी से भी रुपया प्रभावित हुआ. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.04 पर कमजोर खुला. दिन में कारोबार के दौरान यह 83.04 प्रति डॉलर के उच्चतम और 83.15 के निम्नतम स्तर को छूने के बाद अंत में अपने पिछले बंद भाव से 20 पैसे की गिरावट के साथ 83.14 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे की तेजी के साथ 82.94 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. दूसरी ओर, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में और बढ़ोतरी के संकेत को लेकर चिंता के बीच आयातकों की माह के अंत में डॉलर की मांग बढ़ने और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने से डॉलर मजबूत हुआ. बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि मजबूत डॉलर और कमजोर घरेलू शेयर बाजार के कारण सोमवार को भारतीय रुपये में गिरावट आई. एफआईआई की बिकवाली के दबाव ने भी रुपये पर नकारात्मक दबाव डाला. एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) के आक्रामक रुख के कारण भी डॉलर में पिछले सप्ताह तेजी आई. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 105.67 हो गया.

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