13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

SEBI: अनरेगुलेटेड Digital Gold से रहे सावधान, सुरक्षित निवेश के लिए ETF चुनें

SEBI: डिजिटल गोल्ड खरीदने का ट्रेंड बढ़ रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह अभी सेबी के नियमों के दायरे में नहीं आता है? हाल ही में सेबी ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि ई-गोल्ड प्लेटफॉर्म पर पैसा लगाते समय बड़ा जोखिम हो सकता है, क्योंकि अगर कंपनी कुछ गलत कर दे, तो आपके निवेश की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती है. सेबी ने स्पष्ट किया है कि गोल्ड में सुरक्षित निवेश सिर्फ रेगुलेटेड साधनों जैसे गोल्ड ETF और गोल्ड सिक्योरिटीज के जरिए ही किया जा सकता है. इसलिए कदम उठाने से पहले सोच-समझकर निवेश करना चाहिए.

SEBI: कैपिटल मर्केट रेगुलेटर सेबी ने साफ कर दिया है कि वह डिजिटल गोल्ड या ई-गोल्ड को रेगुलेट नहीं करेगी, क्योंकि ये उत्पाद उसकी निगरानी के दायरे में आते ही नहीं है. सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा कि अगर किसी को गोल्ड में निवेश करना है, तो वह गोल्ड ETF या अन्य ट्रेडेबल सिक्योरिटीज के जरिए कर सकता है, जो पहले से ही सेबी के नियमों के तहत आती हैं. सेबी का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब डिजिटल गोल्ड बेचने वाले कई प्लेटफॉर्म चाहते हैं कि सरकार इन्हें आधिकारिक रेगुलेशन में लाए. कुछ समय पहले सेबी ने निवेशकों को डिजिटल गोल्ड के जोखिमों के बारे में चेतावनी भी दी थी क्योंकि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इसे फिजिकल गोल्ड की आसान जगह बताकर बेच रहे हैं.

Digital Gold में क्या है खतरा?

सेबी ने कहा है कि डिजिटल गोल्ड न तो सिक्योरिटी माना जाता है और न ही कमोडिटी डेरिवेटिव्स. इसलिए इन पर किसी भी तरह का निवेश सुरक्षा कानून लागू नहीं होता है. इससे निवेशकों को काउंटरपार्टी रिस्क यानी कंपनी पर भरोसा टूटने का जोखिम रहता है. अगर कंपनी बंद हो जाए या धोखा दे दे, तो निवेशक का पैसा फंस सकता है. इसलिए सेबी ने सलाह दी है कि गोल्ड में निवेश सिर्फ उसके रेगुलेटेड साधनों के जरिये ही किया जाए.

ALSO READ: विदेशी निवेशकों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाएगा सेबी, तुहिन कांत पांडेय ने कही ये बात

REITs और InvITs में क्या बदल सकता है?

सेबी ने बताया कि वह अब कोशिश करेगी कि REITs को मार्केट इंडेक्स में शामिल किया जाए, जिससे इसमें निवेश और ट्रेडिंग को और बढ़ावा मिल सके. साथ ही, इन निवेश साधनों के लिए ऐसे नियम भी तैयार किए जा रहे हैं, जिनसे कम्पनियों और निवेशकों दोनों को फायदा मिले.

Mutual Funds के नियम भी होंगे आसान?

अगले महीने सेबी अपने बोर्ड में म्यूचुअल फंड और स्टॉक ब्रोकर से जुड़े नियमों की पूरी समीक्षा करने वाली है. इससे खर्चे, ब्रोकरेज और निवेश प्रक्रिया को और साफ व सस्ता बनाने की कोशिश है.

ALSO READ: डिजिटल गोल्ड को लेकर SEBI ने दी चेतावनी, कहा- जोश में ना खोए होश!

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Soumya Shahdeo
Soumya Shahdeo
सौम्या शाहदेव ने बैचलर ऑफ़ आर्ट्स इन इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएट किया है और वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिज़नेस सेक्शन में कॉन्टेंट राइटर के रूप में कार्यरत हैं. इसके अलावा, वह एक बुक रिव्यूअर भी हैं और नई बुक्स व ऑथर्स को एक्सप्लोर करना पसंद करती हैं. खाली समय में उन्हें नोवेल्स पढ़ना और ऐसी कहानियों से जुड़ना अच्छा लगता है जो लोगों को प्रेरित करती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel