SEBI: आजकल हर चीज डिजिटल हो रही है, फिर चाहे पैसे हों या सोना. सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर “डिजिटल गोल्ड” या “ई-गोल्ड” का नाम तेजी से फैल रहा है. लोग इसे असली सोने का आसान डिजिटल रूप मानकर निवेश कर रहे हैं. लेकिन अब बाजार नियामक SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने साफ चेतावनी दी है की डिजिटल गोल्ड में निवेश करना खतरे से खाली नहीं है.
आखिर क्या कहा SEBI ने?
SEBI ने शनिवार को बयान जारी करते हुए बताया कि डिजिटल गोल्ड या ई-गोल्ड उसके नियामक ढांचे के अंदर नहीं आते है. यानी इन पर SEBI का कोई नियंत्रण नहीं है. ये न तो “सिक्योरिटी” के रूप में मान्यता प्राप्त हैं और न ही “कमोडिटी डेरिवेटिव” के रूप में है. इस वजह से ऐसे निवेश पूरी तरह अनियमित हैं.
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क्यों है इसमें खतरा?
डिजिटल गोल्ड को प्रमोट करने वाले कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स दावा करते हैं कि यह असली सोने जितना ही सुरक्षित है. लेकिन सच्चाई ये है कि ऐसे निवेश में धोखाधड़ी, तकनीकी खराबी या पैसे डूबने का खतरा ज्यादा होता है. अगर कोई कंपनी या वेबसाइट बंद हो जाए, तो निवेशकों के पास अपने पैसे वापस पाने का कोई गारंटीड तरीका नहीं रहता है.
अगर सोने में निवेश करना है तो क्या करें?
SEBI ने निवेशकों को सलाह दी है कि अगर वे सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो Sebi-नियंत्रित साधनों का इस्तेमाल करें. जैसे Gold Exchange Traded Funds (ETFs), कमोडिटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स या Electronic Gold Receipts जो शेयर बाजार में ट्रेड किए जाते हैं. ये सभी निवेश तरीके सेबी के नियमानुसार चलते हैं और इनमें निवेशकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाती है.
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