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विदेशी निवेशकों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाएगा सेबी, तुहिन कांत पांडेय ने कही ये बात

SEBI FPI Registration: सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बुधवार को कहा है कि सेबी विदेशी निवेशकों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में काम कर रहा है. नई व्यवस्था के तहत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को तेज, सुरक्षित और पारदर्शी अनुमति मिलेगी. सीडीएसएल प्लेटफॉर्म के माध्यम से डेटा प्राइवेसी, तेज सत्यापन और आसान नियमों से भारत के कैपिटल मार्केट में विदेशी निवेश बढ़ने की उम्मीद है. यह सुधार एफपीआई के लिए भारत को और आकर्षक बनाता है.

SEBI FPI Registration: भारत के शेयर बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भूमिका हमेशा से काफी महत्वपूर्ण रही है. घरेलू निवेशकों की तेजी से बढ़ती भागीदारी के बावजूद एफपीआई भारतीय पूंजी बाजारों के प्रमुख स्तंभ बने हुए हैं. इसी महत्व को समझते हुए सेबी अब एफपीआई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और आसान बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है.

पूरी तरह डिजिटल रजिस्ट्रेशन की तैयारी

सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने गोल्डमैन सैक्स के 14वें इंडिया सीआईओ सम्मेलन में जानकारी दी कि एफपीआई रजिस्ट्रेशन को पूरी तरह डिजिटल बनाने पर तेजी से काम चल रहा है. अब तक यह प्रक्रिया कई हफ्तों या महीनों तक चलती थी, लेकिन प्रस्तावित बदलावों के बाद इसे कुछ दिनों में पूरा किया जा सकेगा. उनके अनुसार, यह पहल विदेशी निवेशकों के अनुभव को बेहतर बनाने और भारतीय बाजारों में निवेश बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सुधार होगा.

गोपनीयता और डेटा सुरक्षा पर विशेष जोर

एफपीआई रजिस्ट्रेशन से जुड़े डेटा की गोपनीयता पर वैश्विक स्तर पर लगातार चिंता बनी रहती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सेबी यह सुनिश्चित कर रहा है कि डिजिटल ढांचे में मजबूत सुरक्षा प्रोटोकॉल शामिल हों. तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि रजिस्ट्रेशन को आसान बनाने के साथ-साथ डेटा प्राइवेसी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि निवेशकों का विश्वास बना रहे.

सीडीएसएल तैयार कर रहा है नया दूसरा प्लेटफॉर्म

सेबी एफपीआई रजिस्ट्रेशन के लिए एक दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी काम कर रहा है. यह नए प्लेटफॉर्म को सीडीएसएल विकसित कर रहा है, जिससे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और अधिक सरल, तेज और पारदर्शी हो जाएगी. यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि विदेशी निवेशकों के लिए सुविधा और तेजी निवेश निर्णयों में बड़ी भूमिका निभाती है.

भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों की अहमियत

तुहिन कांत पांडेय के अनुसार, भले ही घरेलू निवेशक तेजी से बढ़े हों, फिर भी भारत के पूंजी बाजारों में एफपीआई की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. साल 1992 में जब से भारत ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए अपने बाजार खोले हैं, तब से अब तक उन्होंने 9.3% का एक्सआईआरआर रिटर्न हासिल किया है. सितंबर 2025 तक एफपीआई लगभग 876 अरब डॉलर की संपत्ति का प्रबंधन कर रहे थे और भारतीय सूचीबद्ध कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी करीब 17% है.

एफपीआई निवेश प्रक्रिया होगी आसान

सेबी कई नए सुधारों पर भी विचार कर रहा है.

  • वेलकम एफआई ढांचा: विश्वसनीय वैश्विक निवेशकों के लिए एक सिंगल-विंडो ऑटोमेटिक एक्सेस सिस्टम तैयार किया जा रहा है. इसके तहत निवेशकों को फेमा के दूसरे रूटों में भी बिना अतिरिक्त मंजूरियों के निवेश की अनुमति मिल सकती है.
  • एक दिन के सभी ट्रेडों का नेट सेटेलमेंट: फिलहाल, एफपीआई को हर एक ट्रेड के लिए डिलीवरी लेनी और देनी पड़ती है. नए प्रस्ताव में सुझाव है कि पूरे दिन के ट्रेडों को नेट-बेस्ड सेटलमेंट के जरिए निपटाया जाए. इससे ऑपरेशनल लागत कम होगी और लेनदेन आसान होगा.

आरबीआई और वित्त मंत्रालय के साथ काम कर रहा सेबी

सेबी इन सभी प्रस्तावित सुधारों पर आरबीआई और वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है. तुहिन कांत पांडेय के अनुसार, सेबी का लक्ष्य है कि वैश्विक निवेशकों को भारत में निवेश करने का सबसे बेहतर अनुभव उपलब्ध कराया जाए.

एंकर निवेशक ढांचे में सुधार, आईपीओ में भागीदारी आसान

सेबी ने हाल ही में एंकर निवेशकों के ढांचे में भी कई बदलाव किए हैं. एक ही प्रबंधक के कई फंड चलाने वाले बड़े एफपीआई के लिए भागीदारी आसान की गई है. एंकर पूल का विस्तार करके जीवन बीमा और पेंशन फंड जैसे दीर्घकालिक निवेशकों को शामिल किया गया है. इससे आईपीओ बाजार में स्थिरता और बड़े आकार के निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

इंडिया मार्केट एक्सेस पोर्टल और ब्लॉक विंडो का विस्तार

इंडिया मार्केट एक्सेस पोर्टल विदेशी निवेशकों को सभी नियमों और प्रक्रियाओं की एकीकृत जानकारी देता है. इसके साथ ही सेबी ने ब्लॉक विंडो फ्रेमवर्क की समीक्षा भी की है ताकि बाजार में तरलता बढ़ाई जा सके.

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क्लोजिंग नीलामी सत्र शुरू करने की तैयारी

सेबी बेहतर मूल्य निर्धारण और दक्षता के लिए “क्लोजिंग ऑक्शन” सत्र शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह वैश्विक बाजारों में प्रचलित है और इससे अंतिम कीमतों में पारदर्शिता और सटीकता बढ़ेगी.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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