Trade Tension: सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की ओर से की गई सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान को साथ देने वाले तुर्किए और अजरबैजान की टेंशन बढ़ने वाली है. इसका कारण यह है कि आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान की सैन्य मदद करने वाले इन दोनों देशों से भारत बदला जरूर लेगा. भारत की कार्रवाई पाकिस्तान और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ नहीं थी, बल्कि आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ थी. इन दोनों देशों की ओर से पाकिस्तान के पक्ष में बयानबाजी और भारतीय हमलों की आलोचना के बाद देश में इनके उत्पादों और सेवाओं के बहिष्कार की मांग तेज हो गई है.
भारत पर हमले के लिए पाकिस्तान तुर्किये ड्रोन का किया इस्तेमाल
तुर्किये और अजरबैजान ने संयुक्त रूप से भारत की ओर से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में की गई सैन्य कार्रवाई की आलोचना की है. दोनों देशों ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया है. पाकिस्तान ने हमले के दौरान तुर्किये से खरीदे गए ड्रोन्स का इस्तेमाल भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए किया, जिसे भारतीय सैनिकों द्वारा हवा में ही मार गिराया गया.
भारत में बहिष्कार की मांग तेज
तुर्किये और अजरबैजान के बयानों के बाद भारत में तुर्किये के सेब, संगमरमर और पर्यटन सेवाओं के बहिष्कार की मांग बढ़ गई है. ईजमाईट्रिप और इक्सिगो जैसे प्रमुख ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स ने भी तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा को लेकर परामर्श जारी किया है.
भारत-तुर्किये के बीच आयात-निर्यात
वर्ष 2024-25 (अप्रैल-फरवरी) के बीच भारत ने तुर्किये को लगभग 5.2 अरब डॉलर का निर्यात किया, जो 2023-24 में 6.65 अरब डॉलर था. यह भारत के कुल निर्यात का केवल 1.5% है. वहीं, तुर्किये से भारत का आयात 2024-25 में 2.84 अरब डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 3.78 अरब डॉलर था. भारत का तुर्किये को खनिज तेल, वाहन, फार्मा उत्पाद, कपास, इस्पात आदि का निर्यात होता है, जबकि भारत मार्बल, सेब, सोना, खनिज तेल, सब्जियां जैसे उत्पाद तुर्किये से आयात करता है.
भारत-अजरबैजान के बीच द्विपक्षीय कारोबार
भारत ने अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक अजरबैजान को मात्र 8.60 करोड़ डॉलर का निर्यात किया, जबकि 2023-24 में यह 8.96 करोड़ डॉलर था. भारत का अजरबैजान से आयात 2024-25 में 19.3 करोड़ डॉलर रहा, जो 2023-24 में 7.4 लाख डॉलर था. भारत अजरबैजान को तंबाकू, चाय, रसायन, प्लास्टिक आदि का निर्यात करता है. वहीं, अजरबैजान से भारत में पशु चारा, आवश्यक तेल, कच्चा चमड़ा आता है. वर्ष 2023 में भारत अजरबैजान के कच्चे तेल के लिए तीसरा सबसे बड़ा गंतव्य था.
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तुर्किए-अजरबैजान में भारतीय समुदाय
वर्तमान में तुर्किये में लगभग 3,000 भारतीय रहते हैं, जिनमें करीब 200 छात्र हैं. वहीं, अजरबैजान में 1,500 से अधिक भारतीय नागरिक रहते हैं.
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