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जीएसटी कटौती के बाद सरकार के रडार पर ई-कॉमर्स कंपनियां, रखी जा रही कड़ी नजर

GST Rate Cut: जीएसटी दरों में कटौती के बाद केंद्र सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों पर कड़ी नजर रख रही है, ताकि उपभोक्ताओं को इसका सीधा लाभ मिल सके. 22 सितंबर से लागू नई व्यवस्था के तहत 99% दैनिक उपयोग की वस्तुएं 5% और 18% कर स्लैब में सस्ती हुई हैं. शिकायतों के आधार पर सरकार ने क्षेत्रीय अधिकारियों को कीमतों की निगरानी का जिम्मा दिया है और 30 सितंबर तक रिपोर्ट मांगी है. सरकार का लक्ष्य है कि टैक्स सुधारों का फायदा पारदर्शी तरीके से आम उपभोक्ता तक पहुंचे.

GST Rate Cut: केंद्र सरकार ने 22 सितंबर से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दर व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत 99% रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स का बोझ कम हो गया है. इन वस्तुओं पर अब 5% और 18% की दरें लागू हैं. जीएसटी दरों में कटौती के बाद सरकार के रडार पर ई-कॉमर्स कंपनियां हैं और वह उन पर कड़ी नजर रख रही है. सही मायने में सरकार यह चाहती है कि जीएसटी दरों में कटौती का सीधा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे. खासकर, जब ग्राहक ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए ऑनलाइन खरीदारी करते हैं, तो उन्हें जीएसटी कटौती का सीधा लाभ मिले.

ई-कॉमर्स मंचों पर निगरानी

सरकारी सूत्रों के अनुसार, सरकार को कुछ शिकायतें मिली हैं कि कुछ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में उचित कटौती नहीं की गई है. इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने क्षेत्रीय अधिकारियों को कीमतों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं. 30 सितंबर तक इन अधिकारियों की पहली रिपोर्ट आने की उम्मीद है.

शिकायतों पर संतुलित रुख

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार बिना पर्याप्त प्रमाण और जांच के जल्दबाजी में कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती. फिलहाल, प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ताओं को जीएसटी दर कटौती का सही लाभ मिले और ऑनलाइन कंपनियां इसे दरकिनार न कर सकें.

उपभोक्ताओं को मिलने वाला लाभ

जीएसटी की नई दर प्रणाली लागू होने के बाद खाने-पीने और घरेलू उपयोग की अधिकतर वस्तुएं सस्ती हुई हैं. सरकार की निगरानी का मकसद है कि ई-कॉमर्स मंचों पर भी यही रुझान दिखे. इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि टैक्स सिस्टम की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी.

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जांच के बाद कदम उठाएगी सरकार

जीएसटी कटौती के बाद केंद्र सरकार की नजर अब ई-कॉमर्स कंपनियों पर है. यदि शिकायतें सही पाई जाती हैं, तो कड़े कदम उठाए जा सकते हैं. इस पूरी प्रक्रिया से यह संदेश साफ है, ”सरकार चाहती है कि टैक्स सुधारों का फायदा आम उपभोक्ता तक पारदर्शी तरीके से पहुंचे.”

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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