PSU Banks Loan: देश के सरकारी बैंकों का RAM (रिटेल, एग्रीकल्चर और एमएसएमई) लोन से कायाकल्प होगा. नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार, कॉर्पोरेट लोन की ग्रोथ भले ही धीमी बनी हुई है. लेकिन, आने वाली तिमाही में अधिकांश सरकारी बैंकों (PSU Banks) के लोन में अच्छी ग्रोथ होने की उम्मीद है, जो मुख्य रूप से रिटेल, कृषि और एमएसएमई सेक्टर को दिए गए लोन से होगी.
रिटेल, एग्रीकल्चर और एमएसएमई लोन में ग्रोथ की उम्मीद
नुवामा की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉर्पोरेट लोन की मांग मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड और कैपिटल मार्केट के जरिए पूरी हो रही है. लेकिन रिटेल, एग्रीकल्चर और एमएसएमई को दिए गए लोन में अच्छी ग्रोथ देखने को मिल सकती है. रिपोर्ट में कहा गया, “अधिकांश सरकारी बैंक रिटेल, कृषि और एमएसएमई (RAM) से मिलने वाले लोन की वजह से अच्छी ग्रोथ दर्ज कर सकते हैं, जबकि कॉर्पोरेट लोन की ग्रोथ म्यूचुअल फंड और कैपिटल मार्केट के जरिए पूरी हो रही है. कुछ खास AAA सेक्टर में कॉर्पोरेट ग्रोथ देखी गई है.”
क्या है बैंकों के लोन ग्रोथ का अनुमान
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के प्रमुख सरकारी बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा ने तिमाही में लगभग 4% की लोन ग्रोथ का अनुमान लगाया है, जबकि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), कैनरा बैंक और इंडियन बैंक लगभग 2.5% की ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के 3% के आसपास ग्रोथ दिखाने की उम्मीद है, जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सेक्टर औसत से कम रहने का अनुमान है.
मार्जिन के मामले में आएगी गिरावट
नुवामा की रिपोर्ट के अनुसार, मार्जिन के मामले में उम्मीद है कि इसमें मामूली गिरावट आएगी. पीएनबी ने लगातार आधार पर नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में कोई बदलाव न होने का अनुमान लगाया है, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा को उम्मीद है कि उसका रिपोर्टेड NIM स्थिर रहेगा. हालांकि, कोर NIM में 7 बेसिस पॉइंट की गिरावट हो सकती है. इंडियन बैंक का मार्जिन 10 बेसिस पॉइंट से कम गिर सकता है, जबकि यूनियन बैंक में 6 बेसिस पॉइंट की गिरावट देखी जा सकती है.
केनरा बैंक पर सबसे अधिक दबाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि करंट और सेविंग्स अकाउंट (CASA) रेश्यो कम होने के कारण कैनरा बैंक पर सेक्टर से ज्यादा दबाव पड़ सकता है. एसबीआई ने मार्जिन में 5 बेसिस पॉइंट की गिरावट का अनुमान लगाया है. हालांकि, इन दबावों के बावजूद सरकारी बैंकों की एसेट क्वालिटी में कोई बड़ी गिरावट नहीं होने और स्थिर रहने की उम्मीद है. एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक के स्लिपेज रेश्यो में सुधार होने की उम्मीद है, जबकि दूसरे बैंकों के स्थिर रहने का अनुमान है.
सरकारी बैंकों में बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है, “सरकारी बैंकों की एसेट क्वालिटी अच्छी रहने और बड़ी गिरावट नहीं होने की उम्मीद है. एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक के लिए स्लिपेज कम होगा और बाकी बैंकों के लिए यह स्थिर रहेगा.” रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 1% से ज़्यादा रिटर्न ऑन एसेट्स निवेशकों के लिए चिंता का विषय है, लेकिन प्रमुख बैंक इस बेंचमार्क को हासिल करने की स्थिति में हैं. एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा को मजबूत कोर इनकम के कारण 1% से ज़्यादा रिटर्न ऑन एसेट्स बनाए रखने की उम्मीद है, जबकि पीएनबी को कम टैक्स आउटगो के कारण रिटर्न ऑन एसेट्स में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
इसे भी पढ़ें: Kurkure Jowar Puff: मोटे अनाज से बने स्नैक बेचेगी पेप्सिको, कुर्कुरे ज्वार पफ को किया लॉन्च
सरकारी बैंक इंडेक्स का मजबूत प्रदर्शन
नुवामा रिसर्च ने यह भी बताया कि पिछले छह महीनों में सरकारी बैंक इंडेक्स ने मजबूत लोन ग्रोथ और एसेट क्वालिटी परफॉर्मेंस के कारण प्राइवेट बैंक इंडेक्स से लगभग 15% बेहतर प्रदर्शन किया है. राजस्व के मोर्चे पर सरकारी और प्राइवेट दोनों बैंकों के लिए नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) ग्रोथ पर दबाव रहा है. सरकारी बैंकों के लिए वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में NII ग्रोथ साल-दर-साल स्थिर या नकारात्मक रही, जबकि एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को छोड़कर अधिकांश प्राइवेट बैंकों ने केवल सिंगल डिजिट में ग्रोथ हासिल की.
इसे भी पढ़ें: आम आदमी को राहत का बूस्टर डोज, जीएसटी कटौती के बाद रेपो रेट घटा सकता है आरबीआई
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

