Crude Oil: सोमवार, 7 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों, ओएनजीसी (ONGC) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (Oil India Ltd) के शेयरों में 8% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. यह गिरावट बीते तीन दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में आई तेज गिरावट के चलते देखी गई.
ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें धड़ाम
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से ब्रेंट क्रूड $63.21 प्रति बैरल पर पहुंच गया, जो पिछले चार वर्षों में सबसे निचला स्तर है. वहीं, वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड की कीमत $59.79 प्रति बैरल रही. यह गिरावट सऊदी अरब द्वारा अपने प्रमुख ग्राहकों को दिए जाने वाले कच्चे तेल की कीमत में $2.3 प्रति बैरल की कटौती के कारण हुई है.
क्यों गिर रहे हैं तेल कंपनियों के शेयर?
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ONGC और ऑयल इंडिया जैसी उत्पादक कंपनियों के लिए नुकसानदेह है, क्योंकि इससे उनके मार्जिन पर दबाव पड़ता है. हालांकि रिफाइंड प्रोडक्ट्स की कीमतें इतनी तेजी से नहीं गिरतीं, जिससे कंपनियों को इन्वेंटरी लॉस का सामना करना पड़ सकता है.
ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के शेयरों का प्रदर्शन
- ONGC के शेयर 7.07% गिरकर ₹226.1 पर बंद हुए, दिन में यह ₹205 तक लुढ़क गए थे. यह स्टॉक इस साल अब तक 10.6% गिर चुका है.
- ऑयल इंडिया के शेयर 6.77% गिरकर ₹359.9 पर बंद हुए. दिन में यह ₹325 के निचले स्तर पर पहुंचे थे. यह शेयर 2025 में अब तक 23.18% तक गिर चुका है.
ट्रंप के फैसलों और OPEC+ के कदम का असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सभी आयातों पर टैरिफ लगाने के फैसले से वैश्विक बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई है. दूसरी तरफ, OPEC+ ने उम्मीद से ज्यादा उत्पादन बढ़ाने का ऐलान किया है, जिससे कच्चे तेल की आपूर्ति और मांग में असंतुलन बढ़ा है.
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