China WTO Status: भारत के पड़ोसी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने एक अहम फैसला लिया है. चीन ने आधिकारिक रूप से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अपना विकासशील देश का दर्जा छोड़ दिया है. उसने घोषणा की है कि अब वह विश्व व्यापार संगठन के समझौतों के तहत विकासशील देशों को दी जाने वाली विशेष सुविधाओं की मांग नहीं करेगा. यह कदम वैश्विक व्यापार प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, जिसकी मांग अमेरिका कई वर्षों से करता आ रहा था.
अमेरिका का दबाव और चीन का रुख
अमेरिका लंबे समय से यह तर्क देता रहा है कि चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद विकासशील देशों का दर्जा लेकर विशेष व्यापारिक रियायतों का फायदा उठा रहा है. अमेरिकी प्रशासन का मानना रहा है कि चीन को अपने आर्थिक स्तर के हिसाब से विकसित देशों की श्रेणी में आना चाहिए. इसी संदर्भ में चीन का यह फैसला न केवल अमेरिका बल्कि कई दूसरे देशों की अपेक्षाओं के अनुरूप है. हालांकि, चीन ने अपने बयान में अमेरिका या राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम नहीं लिया, जिन्होंने हाल के वर्षों में चीन सहित कई देशों पर आयात शुल्क लगाए थे.
वैश्विक व्यापार व्यवस्था पर प्रभाव
विश्व व्यापार संगठन वैश्विक व्यापार वार्ताओं का मंच प्रदान करता है और देशों के बीच व्यापारिक समझौतों को लागू करने का काम करता है. लेकिन, हाल के वर्षों में संरक्षणवाद, आयात पर शुल्क और विभिन्न देशों द्वारा अपने बाजारों को सीमित करने जैसी नीतियों ने विश्व व्यापार संगठन की प्रभावशीलता को कमजोर किया है. ऐसे समय में चीन का यह कदम वैश्विक व्यापार प्रणाली को मजबूती देने की दिशा में सकारात्मक संकेत माना जा रहा है. विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक नगोजी ओकोंजो-इवेला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस निर्णय की सराहना की और इसे “विश्व व्यापार संगठन सुधार के लिए बड़ी खबर” बताया. उन्होंने चीन के नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए लिखा कि यह कई वर्षों की कड़ी मेहनत का नतीजा है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में की गई घोषणा
चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक के दौरान इस बदलाव की घोषणा की. उन्होंने कहा कि चीन अब विकासशील देशों को दी जाने वाली विशेष सुविधाओं का दावा नहीं करेगा. इसके साथ ही उन्होंने चीन की वैश्विक भूमिका पर भी जोर दिया और कहा कि चीन आज भी मध्यम आय वाला देश है और विकासशील दुनिया का हिस्सा बना हुआ है.
चीन की वर्तमान स्थिति और वैश्विक भूमिका
हालांकि, चीन ने विकासशील देशों का दर्जा छोड़ दिया है, लेकिन वह अभी भी खुद को एक मध्यम आय वाला देश बताता है. चीन का तर्क है कि उसकी अर्थव्यवस्था भले ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी हो, लेकिन प्रति व्यक्ति आय अभी भी विकसित देशों के मुकाबले कम है. साथ ही, चीन तेजी से अन्य देशों के लिए ऋण और तकनीकी सहायता का प्रमुख स्रोत बन गया है. सड़क, रेलवे, बांध और अन्य आधारभूत संरचना परियोजनाओं के निर्माण में चीन की राज्य स्वामित्व वाली कंपनियां सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. इस कारण से कई देश विकास कार्यों के लिए चीन पर निर्भर हो रहे हैं.
सुधारों की दिशा में बड़ा कदम
विशेष दर्जे को छोड़ने का चीन का फैसला विश्व व्यापार संगठन में लंबे समय से लंबित सुधारों की दिशा में अहम माना जा रहा है. विश्व व्यापार संगठन की भूमिका को प्रभावी बनाने और वैश्विक व्यापार में संतुलन लाने के लिए यह निर्णय एक मील का पत्थर साबित हो सकता है. इस कदम से यह संकेत भी जाता है कि चीन अब खुद को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में और ज्यादा मजबूती से पेश करना चाहता है. यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब वैश्विक व्यापार संरक्षणवाद और शुल्क युद्धों से जूझ रहा है.
इसे भी पढ़ें: Bank of Baroda FD: 2 लाख के एफडी पर 47,015 का रिटर्न, बैंक ऑफ बड़ौदा दे रहा ऑफर
चीन के फैसले से वैश्विक व्यापार होगा प्रभावित
चीन का विकासशील देशों का दर्जा छोड़ना केवल एक औपचारिक बदलाव नहीं है, बल्कि यह वैश्विक व्यापार की दिशा और विश्व व्यापार संगठन की प्रासंगिकता को भी प्रभावित करेगा. जहां एक ओर अमेरिका और अन्य विकसित देशों को यह कदम सकारात्मक लगेगा. वहीं, विकासशील देशों को लग सकता है कि चीन अब उनकी पंक्ति से अलग हो गया है. फिर भी, चीन का यह निर्णय यह दर्शाता है कि वह अब वैश्विक व्यापार में एक जिम्मेदार शक्ति की भूमिका निभाने के लिए तैयार है. विश्व व्यापार संगठन सुधारों की दिशा में यह एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम माना जाएगा.
इसे भी पढ़ें: Diwali Bonus: देश के 10.90 लाख रेलकर्मियों को पीएम मोदी का तोहफा, सरकार ने दिवाली बोनस का किया ऐलान
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

