FICCI: भारत के प्रमुख उद्योग संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने 2025–26 के लिए अपना नया नेतृत्व चुन लिया है. आरपीजी समूह के उपाध्यक्ष अनंत गोयनका ने अध्यक्ष का पदभार संभाला है, जबकि सनमार समूह के अध्यक्ष विजय शंकर को वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही, डालमिया भारत लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ पुनीत डालमिया फिक्की के नए उपाध्यक्ष बनाए गए हैं. नई टीम ने फिक्की के 98वें वार्षिक सम्मेलन के दौरान औपचारिक रूप से कार्यभार ग्रहण किया.
उद्योग नेतृत्व का नया अध्याय
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, अनंत गोयनका को भारतीय उद्योग जगत के सबसे प्रभावशाली युवा नेताओं में गिना जाता है. वह आरपीजी ग्रुप के उपाध्यक्ष हैं, जो टायर, इंफ्रास्ट्रक्चर, फार्मा, आईटी और स्पेशलिटी बिजनेस जैसे विविध क्षेत्रों में काम करने वाला 4.8 अरब डॉलर का समूह है. फिक्की अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यभार ऐसे समय में आया है, जब भारतीय उद्योग तेजी से वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है.
सीएट में 10 वर्षों की परिवर्तनकारी यात्रा
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2012 से 2023 तक सीएट के प्रबंध निदेशक और सीईओ रहते हुए अनंत गोयनका ने कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम किया है. उनके कार्यकाल में सीएट का मार्केट कैप 25 गुना बढ़ा. कंपनी को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम लाइटहाउस रिकॉग्निशन प्राप्त हुई. 2023 में सीएट ने प्रतिष्ठित डेमिंग ग्रांड प्राइज जीता और यह सम्मान पाने वाली दुनिया की पहली टायर कंपनी बनी. उनके नेतृत्व की यह उपलब्धियां उन्हें भारत की नई पीढ़ी के शीर्ष बिजनेस लीडर्स में शामिल करती हैं.
शैक्षणिक उपलब्धियां और अंतरराष्ट्रीय सम्मान
अनंत गोयनका केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए और यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया के व्हार्टन स्कूल से अर्थशास्त्र में बीएस की डिग्री की डिग्री हासिल की है. उन्हें मिले कुछ बड़े सम्मान कैबिलर साइंस ऑफ इम्पैथी अवॉर्ड (2023), फॉर्ब्स- नेक्स्ट जेनरेशन बिजनेस लीडर (2017) और ईटी स्पेंसर स्टुअर्ट- इंडियाज 40 अंडर 40 मिले हैं.
फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष का क्या है अनुभव
सनमार समूह के चेयरमैन विजय शंकर को फिक्की का वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. करीब 1.6 अरब डॉलर के समूह का नेतृत्व करने वाले विजय शंकर का उद्योग में व्यापक अनुभव है. सनमार समूह की बहुआयामी वैश्विक उपस्थिति है. इसका मुख्यालय चेन्नई में है. इसके अलावा मेक्सिको, मिस्र और दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों में इसका कार्यालय है. समूह रसायन, स्पेशलिटी केमिकल्स, इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी, स्टील कास्टिंग और शिपिंग जैसे उद्योगों में मजबूत पहचान रखता है.
कॉरपोरेट गवर्नेंस और सीएसआर के लिए प्रसिद्ध
सनमार समूह अपने उच्च नैतिक मानकों, पारदर्शी कॉर्पोरेट गवर्नेंस और सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है.
शैक्षणिक और सामाजिक भूमिका
सनमार समूह के चेयरमैन विजय शंकर ने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के केलॉग स्कूल से एमबीए की पढ़ाई की है. इसके अलावा, वे क्वालिफाइड चार्टर्ड अकाउंटेंट, तमिलनाडु टेनिस संघ के उपाध्यक्ष, कई प्रतिष्ठित संस्थाओं (चाइल्ड्स ट्रस्ट हॉस्पिटल, मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन, शंकर नेत्रालय) के बोर्ड सदस्य और चेन्नई में डेनमार्क के मानद महावाणिज्यदूत की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. उनकी सामाजिक और औद्योगिक गतिविधियां भारतीय औद्योगिक जगत में उन्हें एक मजबूत विचारविमर्शी नेता बनाती हैं.
पुनीत डालमिया फिक्की के नए उपाध्यक्ष
डालमिया भारत लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ पुनीत डालमिया को फिक्की का उपाध्यक्ष बनाया गया है. जिम्मेदार विकास और सतत विकास को केंद्र में रखकर उन्होंने कंपनी को देश के सबसे तेजी से बढ़ते समूहों में शामिल किया है. 1999 में उन्होंने जॉब्सएहेड डॉट कॉम की सह-स्थापना की थी, जिसे बाद में मॉन्स्टर डॉट कॉम ने अधिग्रहित कर लिया. यह उनके उद्यमशीलता कौशल का शुरुआती परिचय था.
नेतृत्व की उपलब्धियां
- 2017 में अर्न्स एंड यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर- मैन्यूफैक्चरिंग
- 2021 में भारत सरकार की डीसीसीआई (सीमेंट इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉन्सिल) के अध्यक्ष
- 2022 में बिजनेस टुडे – बेस्ट सीईओ (सीमेंट कैटेगरी)
- वर्तमान में आईआईएम रायपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष
शैक्षणिक उत्कृष्टता
- आईआईटी दिल्ली से बी. टेक — गोल्ड मेडलिस्ट
- आईआईएम बैंगलोर से एमबीए — गोल्ड मेडलिस्ट
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नया नेतृत्व तय करेगा भारत के औद्योगिक भविष्य की दिशा
फिक्की के नए नेतृत्व (अनंत गोयनका, विजय शंकर और पुनीत डालमिया) के पास उद्योग विकास, वैश्विक अनुभव और नवाचार का अनूठा संगम है. आने वाले वर्षों में यह टीम भारत को वैश्विक व्यापार और मैन्युफैक्चरिंग के नए आयामों तक पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. यह नेतृत्व परिवर्तन भारतीय उद्योग, निवेश, नीति-निर्माण और वैश्विक साझेदारी को नई गति देने की क्षमता रखता है.
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