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ऐसे नहीं छप जाता 500 और 2000 रुपये का कड़कड़िया नोट, जानिये, उसमें भी लगता है कितना पैसा…!

नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद बाजार में प्रचलित 500 और 2000 रुपये के आकर्षक, नये और कड़कड़िया नोटों की छपाई ऐसे ही नहीं हो जाती है. उसको छापने में भी सरकार को पैसे खर्च करने पड़ते हैं. कई लोगों को यह पता भी नहीं होगा कि जिन नोटों को आप ललचाई हुई नजरों से […]

नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद बाजार में प्रचलित 500 और 2000 रुपये के आकर्षक, नये और कड़कड़िया नोटों की छपाई ऐसे ही नहीं हो जाती है. उसको छापने में भी सरकार को पैसे खर्च करने पड़ते हैं. कई लोगों को यह पता भी नहीं होगा कि जिन नोटों को आप ललचाई हुई नजरों से निहारते हैं, उसकी छपाई में ही सरकार को काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं.

नोटों की छपाई को लेकर केंद्र सरकार ने कहा कि 500 रुपये के नये नोटों की छपाई पर उसे 2.87 रुपये से 3.09 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इसी तरह 2,000 रुपये के नये नोटों की छपाई पर प्रति नोटों की छपाई पर उसे 3.54 रुपये से 3.77 रुपये प्रति नोट खर्च करना पड़ रहा है. केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में अपने लिखित जवाब में कहा कि 500 रुपये के हर नये नोट की छपाई पर 2.87 रुपये से 3.09 रुपये के बीच और 2,000 रुपये के हर नये नोट की छपाई पर 3.54 रुपये से 3.77 रुपये के बीच लागत आयी.

मेघवाल ने साथ ही यह भी कहा कि चूंकि अभी 5,00 और 2,000 रुपये के नए नोटों की छपाई पूरी नहीं हो सकी है. इसलिए नये नोटों की छपाई पर आयी कुल लागत अभी बताना संभव नहीं है. मंत्री ने बताया कि 24 फरवरी तक देश में कुल प्रचलन मुद्रा 11.641 लाख करोड़ रुपये थी. 10 दिसंबर, 2016 तक भारतीय रिजर्व बैंक में कुल 12.44 लाख करोड़ रुपये राशि के पुराने नोट जमा हुए थे.

एक अन्य वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि आयकर विभाग ने 1,100 से अधिक तलाशी और जांच अभियान चलाए तथा ऊंची नकद जमा के संदर्भ में संदिग्ध लेनदेन की पुष्टि के लिए 5,100 से अधिक नोटिस जारी किये हैं. इन अभियानों के तहत 10 जनवरी, 2017 तक 610 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का कीमती सामान बरामद किया गया, जिसमें 513 करोड़ रुपये की नगदी और 5,400 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का खुलासा हुआ.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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