29.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

नोटबंदी से तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि 6 फीसदी रहने की उम्मीद : नोमुरा

नयी दिल्ली : नोटबंदी से बने गतिरोध की वजह से भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अक्तूबर-दिसंबर की तिमाही में करीब 6 फीसदी रह सकती है, जबकि जनवरी-मार्च तिमाही में यह और धीमी पड़कर 5.7 फीसदी रह सकती है. नोमुरा की रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है. जापान की वित्तीय सेवा क्षेत्र […]

नयी दिल्ली : नोटबंदी से बने गतिरोध की वजह से भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अक्तूबर-दिसंबर की तिमाही में करीब 6 फीसदी रह सकती है, जबकि जनवरी-मार्च तिमाही में यह और धीमी पड़कर 5.7 फीसदी रह सकती है. नोमुरा की रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है. जापान की वित्तीय सेवा क्षेत्र की इस प्रमुख एजेंसी के मुताबिक, नोटबंदी की वजह से खपत और सेवा क्षेत्र पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. यही दो क्षेत्र हैं, जो नोटबंदी से पहले काफी तेजी से बढ़ रहे थे. हालांकि, एजेंसी का कहना है कि 2017 की दूसरी छमाही से वृद्धि दर में तेजी से सुधार आ सकता है.

नोमुरा के एक शोध पत्र के अनुसार, हमारा अनुमान है कि साल-दर-साल आधार पर जुलाई-सितंबर तिमाही की जीडीपी वृद्धि 7.3 फीसदी से घटकर अक्तूबर-दिसंबर 2016 तिमाही में 6 फीसदी रह जायेगी. वित्त वर्ष की चौथी तिमाही जनवरी-मार्च में यह और घटकर 5.7 फीसदी रह जाने का अनुमान है. नोमुरा ने इससे पहले नवंबर में जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि नोटबंदी की वजह से भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2016 की चौथी तिमाही में कमजोर पडकर 6.5 फीसदी रह सकती है, जबकि 2017 की पहली तिमाही में यह 7.5 प्रतिशत रह सकती है. इससे पहले इन तिमाहियों के लिए उसने वृद्धि दर के क्रमश: 7.3 और 7.9 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया था.

शोध एजेंसी ने कहा है कि 2017 की दूसरी छमाही से हमें आर्थिक वृद्धि की दर में तीव्र सुधार की उम्मीद है. ब्याज दरें घटने, संपत्ति का फिर से वितरण और दबी मांग बढ़ने से इसमें तेजी से सुधार होगा. रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति उपायों के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान रेपो दर में 0.25 फीसदी की अंतिम कटौती फरवरी में हो सकती है. हालांकि, इसमें यह भी देखना होगा कि 2017-18 में सरकार अपने राजकोषीय घाटे का सुदृढीकरण करे.

वित्तीय सेवा एजेंसी ने कहा है कि फरवरी के बाद हमें लगता है कि रिजर्व बैंक मुख्य नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं करेगा, क्योंकि 2017 की दूसरी तिमाही में हमें वृद्धि और मुद्रास्फीति दोनों के तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. रिजर्व बैंक ने इससे पहले 7 दिसंबर को की गई द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को स्थिर रखा था. इस दौरान केंद्रीय बैंक ने आर्थिक वृद्धि दर को भी आधा फीसदी घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया था. नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक की यह पहली मौद्रिक समीक्षा थी. केंद्रीय बैंक अगली मौद्रिक समीक्षा आठ फरवरी को करेगा.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें