नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि छह दूरसंचार कंपनियों द्वारा अपनी आय 46,000 करोड रुपये घटाकर दिखाने को राजग घोटाला बताकर कांग्रेस पार्टी ने ‘आत्मघाती’ गोल किया है क्योंकि ‘गलती’ तो संप्रग सरकार के कार्यकाल में ही हुई थी. जेटली ने फेसबुक पेज पर इस बारे में एक टिप्पणी ‘कांग्रेस पार्टी का खाली शब्दाडंबर’ लिखी है. इसमें उन्होंने लिखा है, ‘दिमाग का इस्तेमाल नहीं करना तथा लडाकू शब्दाडंबर कांग्रेस पार्टी की रणनीति बन गया लगता है.’ कथित घोटाले के ऐतिहासिक पहलु पर प्रकाश डालते हुए जेटली ने कहा है कि स्थापित नीति के तहत मोबाइल दूरसंचार सेवा प्रदाता अपनी सालाना आय के आधार पर सरकार को लाइसेंस शुल्क व स्पेक्ट्रम हिस्सेदारी शुल्क चुकाते हैं.
फरवरी 2016 में कैग की एक रपट में कहा गया कि एयरटेल, वोडाफोन व रिलायंस कम्युनिकेशंस सहित छह दूरसंचार कंपनियों ने 2006-07 से 2009-10 के दौरान अपनी आय को 46,000 करोड रुपये कम करके दिखाया. जिससे लाइसेंस शुल्क व स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क के मद में सरकारी हिस्सा लगभग 5000 करोड रुपये घट गया. जेटली के अनुसार दूरसंचार विभाग को कैग की यह रपट इस साल फरवरी में मिली जबकि इससे जुडे दस्तावेज जून 2016 में उसे मिले.
इनकी आगे की कार्रवाई के लिए अब जांच की जा रही है. संसदीय प्रक्रिया के तहत कैग की रपट अभी लोक लेखा समिति के समक्ष विचाराधीन है. जेटली ने कहा है, ‘रोचक सवाल तो यह है कि यह राजग सरकार का घोटाला कैसे हो गया? दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा अपनी आय घटाकर बताना तो उस समय हुआ जबकि संप्रग सरकार सत्ता में थी. संप्रग सरकार ने अपनी ही नाक के नीचे आय को घटाकर बताने की अनुमति दी.’
उन्होंने कहा है कि कैग ने केवल तीन सप्ताह पहले ही प्रासंगिक दस्तावेज दूरसंचार मंत्रालय को भेजे. दूरसंचार विभाग इन दस्तावेजों पर काम कर रहा है और कार्रवाई करेगा भले ही मामला लोक लेखा समिति के समक्ष लंबित हो. मंत्री ने लिखा है, ‘इसमें मौजूदा सरकार की क्या भूल चूक है? संप्रग सरकार के कार्यकाल में कोई गलती हुई थी जिस पर मौजूदा सरकार कार्रवाई करेगी.’ जेटली ने कहा है कि कांग्रेस के पास ‘विचारों की कमी’ है और उसने ‘आत्मघाती गोल’ किया है.
जेटली के अनुसार इस मामले में कांग्रेस के बयान उसकी दयनीय स्थिति का संकेत है. उन्होंने कहा है, ‘गलती संप्रग सरकार के कार्यकाल में होने के तथ्य के बावजूद कांग्रेस प्रवक्ता ने इसे राजग दूरसंचार घोटाला बताकर (सात जुलाई को संवाददाता सम्मेलन में) खाली शोर मचाया. ‘मंत्री के अनुसार, ‘शोरशराबा, दिमाग नहीं लगाना व खोखा शब्दाडंबर कांग्रेस पार्टी की रणनीति बन गया लगता है. इस पार्टी को इतनी निराशा की ओर जाते देख तरस आता है.’
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