7th Pay Commission|DA-DR| केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी आ गयी है. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो ने औद्योगिक श्रमिकों के मई का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जारी कर दिया है. मई में अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) 1.3 अंक बढ़कर 129.0 हो गया है. इसका मतलब यह हुआ कि इस बार केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) में कम से कम 4 फीसदी की वृद्धि होगी.
श्रम ब्यूरो के सूचकांक के आधार पर तय होता है महंगाई भत्ता
सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता श्रम ब्यूरो के इसी सूचकांक के आधार पर तय होता है. इस बार जो सूचकांक जारी किया है, उसके आधार पर महंगाई भत्ता का 4 फीसदी बढ़ना तय है. इसका लाभ एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को होगा. उनकी सैलरी में जुलाई से इजाफा हो जायेगा. अगर सरकारी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, तो उसके वेतन में 720 रुपये प्रति माह की वृद्धि हो जायेगी.
जून की महंगाई का आंकड़ा 31 जुलाई को होगा जारी
बता दें कि 30 जून की महंगाई का जो आंकड़ा है, वो 31 जुलाई को जारी किया जायेगा. उसके बाद कर्मचारियों-पेंशनर्स के 4 फीसदी महंगाई भत्ते के दावों पर मुहर लग जायेगी. इसके बाद उनको 38 फीसदी महंगाई भत्ता मिलने लगेगा. बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की महंगाई भत्ता की गणना ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के सालाना औसत को 100 से गुणा किया जाता है.
साल में दो बार महंगाई भत्ता बढ़ाती है सरकार
सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में साल में दो बार वृद्धि की जाती है. पहली बार जनवरी में महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी की जाती है और दूसरी बार जुलाई में. जनवरी में सरकार ने 3 फीसदी महंगाई भत्ता में वृद्धि की थी. तब महंगाई भत्ता 31 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी हुआ था. उल्लेखनीय है कि सरकार अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाती है, ताकि उनके ऊपर महंगाई का बोझ न बढ़े.