नयी दिल्ली: कंपनियों के लिए कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) का अनिवार्य किए जाने से इस क्षेत्र में नौकरियों की बहार आने की उम्मीद है. विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी वर्षों में इस क्षेत्र में कम से कम 50,000 अतिरिक्त रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. करीब 8,000 कंपनियां नए कंपनी कानून के इस प्रावधान के दायरे में आएंगी. ऐसे में सामाजिक विकास के क्षेत्र में कार्य करने को इच्छुक पेशेवरों के लिए अवसर बढ़ेंगे. अभी तक सीएसआर का कार्य कंपनी की कारपोरेट कम्युनिकेशन टीम द्वारा किया जाता है. लेकिन अब कंपनियों को सीएसआर गतिविधियों के लिए 5 से 6 लोगों की टीम की जरुरत होगी.
कार्यकारी खोज कंपनी ग्लोबलहंट के प्रबंध निदेशक सुनील गोयल ने कहा, ‘‘सीएसआर पेशेवरों की मांग में 50 से 60 फीसद का इजाफा होगा. ऐसे में हमें उद्योग की जरुरत को पूरा करने के लिए नए लोगों को प्रशिक्षित करने की जरुरत होगी.’’ इसी तरह की राय जाहिर करते हुए डीएलएफ फाउंडेशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘सीएसआर की कुछ मांग को कंपनियां आंतरिक तौर पर पूरा करेंगी. सीएसआर क्षेत्र में कम से कम 50,000 नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
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