नयी दिल्ली : देश में वाहन वापस मंगाने का सबसे बडा मामला सामने आया है. जनरल मोटर्स ने खराब चाबीरहित प्रवेश एक्सेसरी रिमोट को दुरुस्त करने के लिए 2007 से 2014 के दौरान विनिर्मित 1.55 वाहनों को वापस लेने की घोषणा की है. इनमें शेवरले स्पार्क, बीट तथा एन्जॉय मॉडल की कारें शामिल हैं.
अमेरिकी कंपनी की भारतीय इकाई जनरल मोटर्स इंडिया ने कहा कि उसे कुछ ऐसे मामलों की जानकारी है जिनमें शेवरले स्पार्क, बीट और एन्जॉय वाहनों में खराब चाबीरहित प्रवेश एक्सेसरी रिमोट लगाई गई है. कंपनी ने कहा है कि इससे इन वाहनों को नुकसान पहुंच सकता है. कंपनी ने 2007 से 2014 के दौरान विनिर्मित 1,55,000 वाहनों को वापस लेने का फैसला किया है. हालांकि, कंपनी का दावा है कि रिमोट चाबीरहित प्रवेश एक्सेसरी सभी संबंधित नियामकीय मानदंडों को पूरा करती है.
जीएम इंडिया प्रभावित ग्राहकों से संपर्क कर उनके वाहनों की इस गडबडी को दुरस्त करेगी. कंपनी ने कहा कि यदि किसी ग्राहक को चाबीरहित प्रवेश एक्सेसरी रिमोट के प्रदर्शन को लेकर कोई शिकायत है तो वह अपने नजदीकी शेवरले डीलर के पास जाकर इसकी मुफ्त में जांच करा सकता है. इससे पहले 2013 में फोर्ड ने फिएस्टा व फिगो माडलों की 1.32 लाख इकाइयों को बाजार से वापस लिया था.
उसी साल जीएम इंडिया ने भी 2005 से 2013 के दौरान विनिर्मित बहुउद्देश्यीय वाहन शेवरले टवेरा की 1.14 लाख इकाइयों को बाजार से वापस लेने की घोषणा की थी. वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने जुलाई, 2012 में सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर वाहनों की स्वैच्छिक वापसी की प्रक्रिया लागू की है. उसके बाद से देश में करीब 9 लाख वाहनों को विभिन्न वजहों से वापस लिया जा चुका है.
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