नयी दिल्ली : सरकार ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) में अगले वित्त वर्ष में 300 करोड रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव किया है जिससे उसका पूंजी आधार बढाया जा सके. आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार बजट में इतनी राशि का आवंटन शेयर पूंजी के लिए किया गया है.
पिछले वित्त वर्ष में भी सरकार ने नाबार्ड में इतनी ही पूंजी डालने का प्रावधान किया था. नाबार्ड की स्थापना 1982 में 100 करोड रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ की गई थी. सरकार और रिजर्व बैंक के बीच बैंक की शेयर पूंजी का पुनर्निर्धारण होने के साथ ही 31 मार्च 2013 को बैंक की कुल 4,000 करोड रुपये की चुकता पूंजी में भारत सरकार की 3,980 करो रुपये (99.50 प्रतिशत) और रिजर्व बैंक की हिस्सेदारी 20 करो रुपये यानी 0.5 प्रतिशत रह गई.
छोटे और सीमांत किसानों सहित कृषि क्षेत्र को बिना किसी अडचन के ऋण उपलब्ध कराने के लिये 2015-16 के बजट में ग्रामीण ढांचागत विकास कोष (आईआईडीएफ) के लिये 25,000 करोड का आवंटन किया गया.