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GST Bill लेने वाले खरीदारों की खुलेगी लॉटरी, 10 लाख से एक करोड़ रुपये तक की लॉटरी योजना लाएगी सरकार

नयी दिल्ली : ग्राहकों को सामान खरीदने पर बिल लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एक लॉटरी योजना लाने जा रही है. इससे वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लॉटरी योजना के तहत 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक का इनाम देने की पेशकश की जाएगी. ग्राहक खरीदारी का जो बिल लेंगे, उसी […]

नयी दिल्ली : ग्राहकों को सामान खरीदने पर बिल लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एक लॉटरी योजना लाने जा रही है. इससे वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लॉटरी योजना के तहत 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक का इनाम देने की पेशकश की जाएगी. ग्राहक खरीदारी का जो बिल लेंगे, उसी के जरिये वे लॉटरी जीत सकेंगे.

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य जॉन जोसफ ने कहा वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के प्रत्येक बिल पर ग्राहक को लॉटरी जीतने का मौका मिलेगा. इससे ग्राहक कर चुकाने को प्रोत्साहित होंगे. जोसफ ने उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम एक नयी लॉटरी प्रणाली लेकर आए हैं.

उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत प्रत्येक बिल पर लॉटरी जीती जा सकेगी. इसका ड्रॉ निकाला जाएगा. लॉटरी का मूल्य इतना ऊंचा है कि ग्राहक यही कहेगा कि 28 फीसदी की ‘बचत’ नहीं करने पर मेरा पास 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये जीतने का मौका होगा. यह ग्राहक की आदत में बदलाव से जुड़ा सवाल है.

योजना के तहत खरीदारी के बिलों को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. लॉटरी ड्रा कंप्यूटर प्रणाली के जरिये अपने आप होगा. विजेताओं को इसकी सूचना दी जाएगी. जीएसटी प्रणाली के तहत चार कर स्लैब 5, 12, 18 और 28 फीसदी हैं. इसके अलावा, विलासिता और अहितकर उत्पादों पर कर के ऊपर सबसे ऊंची दर से कर लगने के अलावा उपकर भी लगता है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुआई वाली जीएसटी परिषद प्रस्तावित लॉटरी योजना की समीक्षा करेगी. परिषद यह भी फैसला करेगी कि इस योजना के तहत न्यूनतम बिल की सीमा क्या हो. योजना के अनुसार, लॉटरी विजेताओं को पुरस्कार उपभोक्ता कल्याण कोष से दिया जाएगा. इस कोष में मुनाफाखोरी रोधक कार्रवाई से प्राप्त राशि को स्थानांतरित किया जाता है.

जीएसटी राजस्व में कमी की वजहों को दूर करने के लिए सरकार व्यापार से उपभोक्ता सौदों में विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है. इनमें लॉटरी और क्यूआर संहिता आधारित लेन-देन को प्रोत्साहन देना शामिल है.

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