नयी दिल्ली : सरकार ने गुरुवार को कोयला खदानों में होने वाले भीषण जानलेवा हादसों के मामले में मुआवजे की राशि तीन गुना बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की घोषणा की है. सरकार के इस फैसले के दायरे में कोल इंडिया के 3.5 लाख से अधिक खनिकों के परिवार आयेंगे. कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कल्याणकारी उपाय में स्थायी और अनुबंध पर काम करने वाले दोनों कर्मचारी शामिल होंगे.
कोयला मंत्रालय ने जोशी के हवाले से एक बयान में कहा कि मैं कोयला कर्मचारियों के लिए मुआवजा राशि 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की घोषणा करता हूं. यह भीषण जानलेवा खान हादसों के मामले में स्थायी के साथ-साथ ठेके पर काम करने वाले दोनों कर्मचारियों पर भी लागू होगा. महानदी कोलफील्ड लिमिटेड के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस कल्याणकारी उपाय के दायरे में कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी इकाइयों में कार्यरत 3.5 लाख खनन कर्मचारियों के परिवार आयेंगे.
मंत्री ने महानदी कोलफील्ड लिमिटेड के तलचर कोलफील्ड में खनन कार्यों का हवाई सर्वेक्षण भी किया. यह कोल इंडिया की सबसे बड़ी अनुषंगी कंपनी है और महारत्न कंपनी के कुल कोयला उत्पादन में करीब 25 फीसदी योगदान है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि महानदी कोलफील्ड 2024-25 तक उन 4,000 लोगों को रोजगार देगी, जिनकी जमीन ली गयी है.
मंत्री ने यह भी कहा कि महानदी कोलफील्ड आने वाले वर्षों में रेलवे बुनियादी ढांचा के निर्माण में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करेगी. इससे एमसीएल की खानों से कोयले का परिवहन सुचारू रूप से हो सकेगा.
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