वाशिंगटन : विश्वबैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि भारत को कारोबार सुगमता रैंकिंग में शीर्ष 50 देशों में आने के लिए अगले तीन से चार साल में और ‘बड़े सुधार’ करने होंगे. विश्वबैंक अधिकारी का यह बयान तब आया है, जब विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 14 पायदान की छलांग लगाकर 63वें स्थान पर पहुंच गया है.
विश्वबैंक के वैकासिक अर्थशास्त्र निदेशक शिमाने जानकोव ने एक साक्षात्कार में कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में मौजूदा सुधार एजेंडा मसलन दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता, अनुबंधों को लागू करना और कर सुधार यदि अगले साल या उसके बाद के वर्षों में पूरे होते हैं तो भारत कारोबार सुगमता में शीर्ष 50 देशों में आ सकता है. उन्होंने कहा कि भारत को कारोबार सुगमता रैंकिंग में अपनी स्थिति और सुधारने के लिए लैटिन अमेरिका और यूरोप की अन्य अर्थव्यवस्थाओं से कड़ी प्रतिस्पर्धा का मुकाबला करना होगा.
जानकोव ने कहा कि उससे रैंकिंग को बेहतर करने के लिए कुछ नए सुधारों की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि भारत को यह पूछने की जरूरत होगी कि वह शीर्ष 50 से शीर्ष 25 अर्थव्यवस्थाओं में कैसे पहुंचे. इसके लिए आपको ऊर्जा भरनी होगी.
उन्होंने कहा कि सरकार को अगले चार साल के दौरान अपनी प्राथमिकताओं का नया सेट बनाना होगा. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अभी ऐसा है. विश्वबैंक के अधिकारी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में जो सुधार किये हैं, उनकी वजह से कारोबार सुगमता रैंकिंग सुधरी है.