नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि कंपनी अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है ताकि यह दंडात्मक न लगे. भारत विभिन्न ऊर्जा समझौते के तहत की गयी अनुबंधात्मक प्रतिबद्धताओं का सम्मान करेगा. हम बड़े सुधारों पर काम करना जारी रखेंगे.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को निवेशकों को आश्वासन दिया कि भारत विभिन्न ऊर्जा समझौतों के तहत की गयी अनुबंधात्मक प्रतिबद्धताओं का सम्मान करेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार बड़े सुधारों पर काम करना जारी रखेगी.इंडिया एनर्जी फोरम के सेरावीक सम्मेलन में सीतारमण ने कहा , " शर्तों का सम्मान किया जाएगा और निवेशकों को किसी तरह की चिंता नहीं होनी चाहिए." हाल ही में , आंध्र प्रदेश ने सरकारी एजेंसियों भारतीय सौर ऊर्जा निगम (सेकी) और एनटीपीसी से बिजली खरीद समझौतों के तहत उनके द्वारा नीलाम की गयी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की दर को कम करने के लिए कहा था. इसके कारण विशेषकर नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई. वित्त मंत्री ने कहा कि निवेश के माहौल को अनुकूल बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि हमने बिना किसी ‘ किंतु – परंतु ‘ के कर को कम किया है. सीतारमण ने कहा कि कंपनी कानून में संशोधन किए जा रहे हैं ताकि यह सजा (दंड) जैसा नहीं लगे.इसके अलावा बड़े और गंभीर सुधार भी जारी रहेंगे.इससे पहले , पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उम्मीद जताई थी कि प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन (एटीएफ) को शुरू में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाएगा.वर्तमान में पेट्रोल , डीजल , विमान ईंधन और प्राकृतिक गैस जैसे पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी से बाहर रखा गया है और राज्य इन उत्पादों पर बिक्री कर लगाते हैं.
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