नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से विभिन्न अदालतों से वापस लिये गये कर मुकदमों के बारे में ताजा जानकारी देने को कहा है. सरकार ने हाल ही में करदाताओं और आयकर विभाग के बीच कानूनी वादों की संख्या कम करने के लिए अदालत में मामले ले जाने के वास्ते कर विवाद से जुड़ी मौद्रिक सीमा को बढ़ा दिया था.
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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीएमओ ने वापस लिये गये एवं 31 अगस्त तक वापस लिये जाने के लिए चिह्नित मामलों के बारे में जानकारी देने को कहा है. उन्होंने बताया कि आयकर विभाग के सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को सारणीबद्ध प्रारूप में पांच सितंबर तक इससे जुड़ी जानकारियां भेजने को कहा गया है. सूत्रों ने बताया कि न्यायाधिकरणों एवं अदालतों में अपील दायर करने के लिए जरूरी मौद्रिक सीमा में वृद्धि से संबंधित आठ अगस्त के आदेश से जुड़ी पूरी प्रक्रिया अक्टूबर तक पूरी कर ली जायेगी. सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीति बनाता है.
सूत्रों ने बताया कि करदाता और कर विभाग के बीच कर वसूली को लेकर होने वाले विवादों पर प्रधानमंत्री कार्यालय की निरंतर नजर है. अब कर वसूली का कोई मामला आयकर अपलीय न्यायाधिकरण में तभी ले जाया जायेगा, जब उसमें 50 लाख रुपये तक की कर राशि को लेकर विवाद हो. पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी. इसी प्रकार, हाईकोर्ट के मामले में सीमा को बढ़ाकर एक करोड़ रुपये और सुप्रीम कोर्ट के लिए एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये कर दिया गया.
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