नयी दिल्ली : भारत ने बांग्लादेश और श्रीलंका सहित एशिया प्रशांत व्यापार समझौते (एपीटीए) में शामिल सदस्य देशों को 3,142 उत्पादों पर एक जुलाई से शुल्क रियायत देने पर सहमति जतायी है. वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को यह कहा. हालांकि, शुल्क दरों में दी जाने वाली यह रियायत कम विकसित देशों के मामले में ज्यादा है, तो विकासशील देशों के लिए कम है.
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एपीटीए को एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिये संयुक्त राष्टू आर्थिक एवं सामाजिक आयोग की पहल पर शुरू किया गया, ताकि एशिया प्रशांत क्षेत्र में विकासशील देशों के बीच शुल्क रियायतों के जरिये व्यापार गतिविधियों का विस्तार किया जा सके. एपीटीए 1975 में शुरू किया गया. यह तरजीही व्यापार समझौता है, जिसके तहत निर्यात की जाने वाली वस्तुओं की संख्या और उसके साथ ही शुल्क रियायत को भी बढ़ाया गया है. यह सब समय-समय पर व्यापार पर बातचीत के दौरों में किया गया.
इस तरजीही व्यापार समझौते में शामिल छह देशों में बांग्लादेश, चीन, भारत, लाओस, कोरिया और श्रीलंका शामिल हैं. एपीटीए के तहत चौथे दौर की बातचीत के परिणाम को एक जुलाई से लागू किया गया. मंत्रालय ने एक वक्तव्य में यह कहा है. इसमें कहा गया है कि भारत ने अपनी तरफ से सभी सदस्य देशों के साथ 3,142 वस्तुओं पर शुल्क रियायतों का आदान प्रदान किया है.
इसके अलावा, कम विकसित देशों, बांग्लादेश और लाओस के लिए 48 वस्तुओं पर विशेष रियायत दी है. एपीटीए के तहत चौथे दौर की व्यापार बातचीत औपचारिक तौर से पिछले साल 13 जनवरी को पूरी हो गयी थी और सदस्य देशों के मंत्रियों ने इस पर हस्ताक्षर किये थे. इस बैठक के फैसले को अब सभी सदस्य देशों ने एक जुलाई से लागू किया है.
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