नयी दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) के सदस्य के पास अब एक महीने तक बेरोजगार रहने की स्थिति में 75% तक राशि निकालने का विकल्प होगा और इस तरह वह अपने खाते को भी बरकरार रख सकते हैं. श्रम मंत्री संतोष गंगवार नेमंगलवारको इपीएफओ के न्यासियों की बैठक के बाद यह जानकारी दी. गंगवार इपीएफओ के न्यासियों के केंद्रीय बोर्ड के चेयरमैन भी हैं. उन्होंने कहा कि हमने इस योजना में संशोधन का निर्णय किया है. इसके तहत एक महीने तक बेरोजगार रहने की स्थिति में इपीएफओ का कोई भी सदस्य 75% तक राशि को अग्रिम तौर पर निकाल सकता है और अपने खाते को बनाए रख सकता है.
इपीएफओ योजना 1952 के नए प्रावधान के तहत दो महीने तक बेरोजगार रहने की स्थिति में उपयोक्ता अपनी बची हुई 25% राशि की भी निकासी कर खाते को बंद कर सकता है. मौजूदा समय में कोई भी उपयोक्ता दो महीने तक बेरोजगार रहने के बाद ही इस राशि की निकासी कर सकता है. श्रम मंत्री ने यह भी कहा कि इटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेट फंड) में इपीएफओ का निवेश 47, 431.24 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और जल्दी ही यह एक लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा. इस निवेश पर प्रतिफल 16.07 प्रतिशत है.
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