नयी दिल्ली : इन्फोसिस के शेयरधारकों ने सलिल एस पारेख की कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने यह जानकारी दी. डाक मत और ई - वोटिंग के नतीजों के अनुसार 97.96 शेयरधारकों ने कागजी मतपत्र और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के जरिये 20 फरवरी, 2018 को पारेख की नियुक्ति को मंजूरी दी.
इसके अलावा इन्फोसिस के 99.98 प्रतिशत शेयरधारकों ने यूबी प्रवीण राव की कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक पद पर नियुक्ति दी. इन्फोसिस ने दोनों की नियुक्ति के लिए शेयरधारकों की मंजूरी के लिए नोटिस जारी किया था. इन्फोसिस के सीईओ और एमडी पद पर जनवरी में नियुक्ति के बाद पारेख ने कहा था कि उनकी तात्कालिक प्राथमिकता कर्मचारियों और ग्राहकों से जुड़ना और भविष्य की रूपरेखा तैयार करना है. इसकी घोषणा अप्रैल में की जाएगी.
सिक्का के बाद दूसरे बाहरी व्यक्ति होंगे सलिल पारेख
इन्फोसिस के पूर्व सीइओ व एमडी विशाल सिक्का की विदाई के बाद सलिल पारेख को इस पद पर चुना गया था. गुजराती समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सलिल पारेख इससे पहले 'Capgemini' में बिजनेस मैनेजर के पद पर कार्यरत थे. सलिल पारेख आइआइटी मुंबई से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. आइआइटी से ग्रेजुएशन के बाद सलिल पारेख ने अमेरिका की कार्नेल यूनिवर्सिटी से कम्पयूटर साइंस में मास्टर की डिग्री हासिल की.
कहा जाता है कि अपनी प्रतिभा के बदौलत सलिल पारेख डिप्टी सीइओ तक जा पहुंचे. Capgemini में आने के पहले वे 1992 से 2000 तक बिजनेस कंसल्टिंग फर्म Ernst & Young के पार्टनर के रूप में काम कर चुके हैं.