नयी दिल्ली: टेलीकॉम सेक्टर की दो दिग्गज कंपनी भारती एयरटेल और वोडाफोन को ट्राई की ओर से मंगलवार को इंटरकनेक्शन उपयोग शुल्क (आईयूसी) में कटौती करना रास नहीं आ रहा है. दूरसंचार विनियामक की ओर से उठाये गये इस कदम के बाद इन दोनों कंपनियों ने आलोचना की है. दूरसंचार विनियामक की ओर से उठाये गये फैसले के बाद भारती एयरटेल और वोडाफोन ने कहा है कि ट्राई के इस फैसले से सिर्फ एक ऑपरेटर को फायदा होगा और पहले से दबाव झेल रहे उद्योग की वित्तीय सेहत और खराब होगी.
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ग्राहकों की संख्या के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑपरेटर वोडाफोन ने ट्राई के निर्णय को प्रतिगामी नियामकीय उपाय करार दिया है. मौजूदा ऑपरेटर ने बयान में कहा कि इस कदम से सिर्फ नए खिलाड़ी को फायदा होगा और शेष उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा. एयरटेल ने कहा कि जिस आईयूसी दर का सुझाव दिया गया है, उस पर पूरी तरह गैर-पारदर्शी तरीके से पहुंचा गया है. इससे सिर्फ एक ऑपरेटर को फायदा होगा, जिसके पक्ष में भारी ट्रैफिक है. नये नियमनों पर निराशा जताते हुए एयरटेल ने कहा कि उद्योग पहले से वित्तीय दबाव झेल रहा है और इंटरकनेक्शन प्रयोग शुल्कों (आईयूसी) में कटौती से स्थिति और खराब होगी.
दूरसंचार नियामक ने मंगलवार को मोबाइल कॉल कनेक्शन शुल्क को घटाकर छह पैसे प्रति मिनट करने की घोषणा की है. साथ ही, एक जनवरी 2020 से ये शुल्क पूरी तरह समाप्त करने की घोषणा की गयी है. माना जा रहा है कि इस कदम से नयी कंपनी रिलायंस जियो को फायदा होगा और स्थापित खिलाड़ियों को झटका लगेगा. एयरटेल ने कहा कि उद्योग के रूप में हमारा देश की आर्थिक वृद्धि में उल्लेखनीय योगदान है. हम इस फैसले से निराश हैं.
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