Bihar Election 2025: कहते हैं राजनीति में कभी कोई परमानेंट दोस्त या दुश्मन नहीं होता है. इसका ताजा उदाहरण सोमवार को उस वक्त दिखा जब पूर्णिया एयरपोर्ट के उद्धाटन के समय पीएम मोदी और पूर्णिया के निर्दलीय सांसद और खुद को कांग्रेसी कहने वाले पप्पू यादव को पीएम मोदी की मंच पर एक दूसरे से मुस्कुराते हुए गुफ्तगु करते हुए नजर आए. वहीं, अब सोशल मीडिया पर कयास लगाया जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पप्पू यादव NDA में शामिल होंगे. दरअसल यह कयास ऐसे ही नहीं लगाया जा रहा है क्योंकि बिहार की राजनीति में एक वक्त ऐसा भी आया जब पप्पू यादव बीजेपी के साथ गठबंधन करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने एक नहीं बल्कि दो बार पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी. हालांकि बीजेपी से गठबंधन नहीं होने के बाद पप्पू ने अपनी पार्टी जन अधिकार मोर्चा का दूसरे दलों के साथ गठबंधन किया था.
जब पप्पू ने की थी BJP से जुड़ने की कोशिश
साल था 2014, लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को पहली बार लोकसभा में पूर्ण बहुमत मिला था. हालांकि इस चुनाव में पप्पू यादव आरजेडी की टिकट पर लोकसभा पहुंचने में सफल रहे थे. पप्पू यादव को लगता था कि वह राजद में नंबर दो हैं और लालू यादव के बाद पार्टी की कमान उन्हें ही मिलेगी. लेकिन लालू यादव ने ऐसा नहीं किया और अपने बेटों को पार्टी की कमान सौंपी. इससे नराज पप्पू ने 2015 में दो बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी. पीएम से मुलाकात के बाद उन्होंने नरेन्द्र मोदी की जमकर तारीफ की थी. इसके बाद आरजेडी ने उन्हें पार्टी विरोधी बताते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया.
PM मोदी से मुलाकात के बाद भी नहीं बनी बात
पार्टी से निकाले जाने के बाद पप्पू यादव नई मंजिल की तलाश में थे. इसी बीच वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दूसरी बार 13 अगस्त 2015 को संसद भवन स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में मिले. करीब आधा घंटा तक बातचीत हुई इस बातचीत के बारे में उन्होंने बताया था, ‘मैं प्रधानमंत्री से मिलना चाहता था कि क्योंकि जल्द ही उनकी सहरसा में चुनावी सभा होने वाली है. मैंने उन्हें अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया. उन्होंने धैर्यपूर्वक मेरी बात सुनी और कई मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया.’ बीजेपी का भी एक धड़ा चाहता था कि पप्पू यादव के साथ गठबंधन हो जाए. लेकिन पप्पू की छवि की वजह से बीजेपी ने गठबंधन नहीं किया.
2024 में थामा कांग्रेस का हाथ
आरजेडी से निकाले जाने और बीजेपी से गठबंधन न होने के कारण पप्पू 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए. इसके बाद उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया और पूर्णिया से लोकसभा का टिकट मांगा लेकन बिहार में महागठबंधन की वजह से यह सीट आरजेडी के कोटे में आई. इसके बावजूद पप्पू ने पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे और खुदको कांग्रेसी बताते हैं.
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कांग्रेस के कार्यक्रमों में पप्पू को नहीं मिलता मंच
इन सबके बीच एक बात निकलकर सामने आई है कि खुद को विपक्ष का और कांग्रेस का सांसद बताने वाले पप्पू को बिहार में महागठबंधन के होने वाले कार्यक्रमों में अक्सर मंच पर जगह नहीं मिलता है. पिछले दिनों कई ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर आए जहां पप्पू यादव को राहुल गांधी के मंच पर या तो चढ़ने नहीं दिया गया या उन्हें धक्का देकर उतार दिया गया.

पहले अमित शाह की तारीफ और अब पीएम के साथ वीडियो वायरल
पप्पू यादव का पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने अमित शाह को आज का चाणक्य बताया था. वहीं, अब पीएम मोदी के साथ उनकी जिस तरह से जुगलबंदी दिखी है, ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि चुनाव के ऐलान से पहले पप्पू यादव NDA के साथ गठबंधन कर सकते हैं.
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